Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Arun Goyal Resigns: कभी नियुक्ति पर हुआ था बवाल, अब चुनाव आयुक्त ने अचानक दिया इस्तीफा; पढ़ें अरुण गोयल के बारे में खास बातें

Arun Goyal Resigned अरुण गोयल ने लोकसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले आज इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया है। अरुण गोयल के इस्तीफे पर राजनीति भी शुरू हो गई है। गोयल ने इस्तीफे के लिए व्यक्तिगत कारण बताए हैं। अब अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्त को लेकर प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। आइए जानें अरुण गोयल के बारे में...

By Jagran News Edited By: Mahen Khanna Updated: Sun, 10 Mar 2024 02:47 AM (IST)
Hero Image
Arun Goyal Resigned अरुण गोयल कौन हैं।

जागरण डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Arun Goyal Resigned चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने लोकसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले आज इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया है। अरुण गोयल के इस्तीफे पर राजनीति भी शुरू हो गई है। गोयल ने इस्तीफे के लिए व्यक्तिगत कारण बताए हैं। अब अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्त को लेकर प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। 

कानून मंत्रालय के अनुसार, गोयल का इस्तीफा (Arun Goyal Resigns) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शनिवार को ही स्वीकार कर लिया और वो आज से ही प्रभावी हो गया। गोयल का कार्यकाल वैसे दिसंबर 2027 तक था। 

अरुण गोयल कौन हैं?

  • सेवानिवृत्त नौकरशाह अरुण गोयल पंजाब कैडर के 1985 बैच के आईएएस अधिकारी थे।
  • गोयल ने नवंबर 2022 में चुनाव आयुक्त का पद संभाला था। उन्होंने 18 नवंबर को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी और एक दिन बाद उन्हें चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था। उन्होंने 21 नवंबर को कार्यभार संभाला था।
  • फरवरी 2025 में मौजूदा राजीव कुमार के कार्यकाल की समाप्ति के बाद गोयल अगले मुख्य चुनाव आयुक्त बनने की कतार में थे।
  • अरुण गोयल दिल्ली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष थे। वह श्रम और रोजगार मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार भी थे। वो केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय में भी काम कर चुके हैं।
  • गोयल का कार्यकाल दिसंबर 2027 तक था।
  • फरवरी में अनूप पांडे की सेवानिवृत्ति और गोयल के इस्तीफे के बाद तीन सदस्यीय चुनाव आयोग पैनल में अब केवल मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार बचे हैं।

सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा था नियुक्ति का मामला

अरुण गोयल की नियुक्ति को लेकर भी बवाल मचा था। 2024 में गोयल की नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। मामले पर मार्च 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि गोयल की नियु्क्ति सरकार की ओर से जल्दबाजी में की गई थी और उनका कार्यकाल 2 साल से ज्यादा होना चाहिए।