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गरीब, युवा, महिला और किसान को मिलता रहेगा सम्मान, अन्य राज्यों में भी बदल सकता है चुनावी ट्रेंड

विधानसभा चुनाव के दौरान जनता से राजनीतिक दलों ने खूब वादे किए। अब किसान महिला युवा व गरीब जैसे वर्ग को आर्थिक फायदा देना लगभग हर दल की मजबूरी होगी। कोरोना काल में केंद्र की तरफ से गरीब महिलाओं के खाते में 500-500 रुपए दिए गए। मध्य प्रदेश में लाडली बहना ने भी असर दिखाया। छत्तीसगढ़ में भी बीजेपी ने कई अहम वादे किए।

By Jagran NewsEdited By: Manish NegiUpdated: Sun, 03 Dec 2023 09:10 PM (IST)
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अन्य राज्यों में चुनाव का ट्रेंड अब बदल सकता है

राजीव कुमार, नई दिल्ली। चुनाव में अब रेवड़ी को पूरी तरह नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। चार राज्यों के चुनाव में यह स्थापित हो गया। रेवड़ी को जन कल्याण का स्वरूप देकर किसान, महिला, युवा व गरीब जैसे वर्ग को आर्थिक फायदा देना लगभग हर दल की मजबूरी होगी। अगले साल होने वाले केंद्र के चुनाव में इन चार वर्गों को सीधे तौर पर आर्थिक लाभ देने की कई और घोषणाएं हो सकती हैं।

राजनीतिक पंडितों का मानना है महिलाओं को सीधे तौर पर लाभ दिए जाने से वह आत्मनिर्भर भी बन रही है और उन्हें सत्ता में भागीदार बनने का अहसास हो रहा है जो जाति व धर्म से अलग हटकर वोट करती है। कोरोना काल में केंद्र की तरफ से गरीब महिलाओं के खाते में 500-500 रुपए दिए गए। कोरोना काल में ही सरकार ने वर्ष 2020 के मई माह से 80 करोड़ गरीब परिवार को मुफ्त राशन देने की शुरुआत की जो अब भी जारी है और अब तो प्रधानमंत्री ने अगले पांच साल तक इसे जारी रखने का फैसला किया है। इससे भी गरीब महिलाओं का रुझान केंद्र सरकार की ओर बढ़ा।

लाडली बहना का दिखा असर

मध्य प्रदेश में लाडली बहना ने भी असर दिखाया। अब इस बात की पूरी उम्मीद है कि सभी राज्यों में उज्ज्वला योजना के तहत 400-450 रुपए में रसोई गैस मिलने लगे या अगले चुनाव में केंद्र ही इसकी घोषणा कर दे। राजस्थान में तो सस्ती गैस देने के लिए भाजपा व कांग्रेस में होड़ लग गई। भाजपा ने 450 रुपए में गैस सिलेंडर देने की घोषणा की तो कांग्रेस ने आगे बढ़कर 400 रुपए में देने का ऐलान कर डाला। महिला वोटर को रिझाने के लिए मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने लाडली योजना के तहत 2.5 लाख सालाना से कम कमाने वाले परिवार की महिलाओं को 1000 रुपए प्रतिमाह देने की घोषणा की तो उसी तर्ज पर राजस्थान की विवाहित महिलाओं को सालाना 12,000 रुपए देने का वादा भाजपा के संकल्प पत्र में शामिल किया गया।

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बीजेपी ने किए कई वादे

गरीब परिवार की छात्राओं को केजी से पीजी तक मुफ्त में शिक्षा तो गरीब परिवार में बालिकाओं के जन्म पर सेविंग बांड प्रदान कर उन्हें आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई। गरीबी की वजह से पढ़ाई से वंचित रह गई महिलाएं इस प्रकार की घोषणाओं को अपनी बेटी के लिए वरदान मानती है। राजस्थान, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में किसानों को भी भाजपा ने सीधे तौर पर आर्थिक मदद से साधा। भाजपा ने किसानों को पीएम किसान निधि और सीएम किसान निधि से सालाना 12,000 रुपए देने की घोषणा की। पीएम किसान निधि के तहत उन्हें छह हजार रुपए पहले से मिल रहे हैं और भाजपा की सरकार बनने पर छह हजार रुपए और मिलने की उम्मीद जग गई।

छत्तीसगढ़ में भाजपा ने किसानों को कांग्रेस की तुलना में अधिक फायदा देने के लिए धान की खरीद कीमत 3100 रुपए प्रति क्विंटल करने की घोषणा कर दी और कहा कि खरीदारी पर एकमुश्त भुगतान होगा। मध्य प्रदेश में भाजपा ने 2700 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं खरीदने की घोषणा की है। युवाओं को सबसे अधिक रोजगार आकर्षित करता है और उनके लिए राजनीतिक पार्टियों के घोषणा पत्र में इसके भरपूर वादे किए गए।

किसानों-गरीबों को हुआ योजनाओं से फायदा

केंद्रीय नीतियों की वजह से अर्थव्यवस्था में लगातार मजबूती आ रही है। रोजगार के नए-नए मौके निकलने से बेरोजगारी दर में कमी आ रही है। इससे युवाओं में मोदी सरकार को लेकर पूरा भरोसा है जो कुल वोटर का 50 प्रतिशत से अधिक है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि वर्ष 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद लोगों की जिंदगी को आसान बनाने के लिए कई प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत के तहत शौचालय निर्माण, मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, मातृ वंदना योजना, किसान क्रेडिट कार्ड जैसी कई लोक-लुभावन योजनाओं की घोषणा की गई जिनकी मदद से किसान, गरीब व महिलाओं को सीधे तौर पर फायदा हुआ।

कांग्रेस ने भी तेलंगाना में महालक्ष्मी योजना के तहत महिलाओं को 2500 रुपए प्रतिमाह देने के साथ खेत में काम करने वाले श्रमिकों को सालाना 12,000 रुपए देने की घोषणा की। बेघर लोगों को मकान बनाने के लिए जमीन व पांच लाख रुपए की घोषणा भी कांग्रेस की तरफ से की गई जिसका लाभ भी कांग्रेस को वहां मिला।

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