'काला धन नहीं चुनावी बॉन्ड, पार्टियों के खातों में दिखता है साफ', गृह मंत्री शाह ने विपक्ष को सुनाई खरी-खरी
चुनावी बॉन्ड के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के आरोपों का करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि चुनावी बॉन्ड भारतीय राजनीति से काले धन का वर्चस्व खत्म करने के लिए लाया गया था। उन्होंने कहा कि भाजपा को कुल 20 हजार करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड में लगभग छह हजार करोड़ रुपये के बॉन्ड मिले हैं।
विपक्ष पर जमकर बरसे अमित शाह
चुनावी बॉन्ड को सुप्रीम कोर्ट द्वारा असंवैधानिक करार दिये जाने के सवाल का जवाब देते हुए अमित शाह ने इससे पहले चुनावी चंदे की प्रक्रिया पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि वे किसी भी व्यक्ति से चुनावी बॉन्ड के पहले चुनावी फंडिंग की प्रक्रिया पर चर्चा के लिए तैयार हैं। शाह ने साफ किया,फैसले के बाद चुनावों में पहले की तरह काले धन के बड़े पैमाने पर उपयोग का खतरा बढ़ गया है।
चुनावी बॉन्ड को लेकर चर्चा सिर्फ इसीलिए हो रही है कि इसमें चंदा देने वाली कंपनी और चंदा लेने वाला राजनीतिक दल पारदर्शी तरीके से लेन-देन कर रहे हैं। इसके पहले काले धन के रूप में चंदा लेने वाले राजनीतिक दल और देने वाली कंपनी का कोई रिकॉर्ड ही नहीं होता था।
अमित शाह ने क्या कुछ कहा?
उन्होंने सवाल उठाया कि जिस गोपनीयता के सवाल पर चुनावी बॉन्ड पर सवाल उठाया जा रहा है, वो इससे पहले नकद में चंदा देने वाली कंपनियों और लेने वाली कंपनियों के मामले में लागू क्यों नहीं होता है।किसे कितने चुनावी बॉन्ड मिले?
चुनावी बॉन्ड की असलियत बताते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा को कुल 20 हजार करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड में लगभग छह हजार करोड़ रुपये के बॉन्ड मिले हैं। वहीं, विपक्ष को 14 हजार करोड़ रुपये के बॉन्ड मिले हैं। लोकसभा में पार्टियों की हैसियत से चुनावी बॉन्ड की गणना करते हुए उन्होंने बताया,चुनावी बॉन्ड की आलोचना करने वालों को चेतावनी देते हुए उन्होंने दावा किया कि जब हिसाब किताब होगा तो ये लोग किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे।शाह ने चुनावी बॉन्ड योजना के खत्म करने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ कुछ भी बोलने से इनकार करते हुए कहा कि योजना सीधे खारिज करने के बजाय इसमें सुधार की गुंजाइश देखी जानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि चुनावी बॉन्ड योजना के पहले पार्टियों को चंदा नकदी के माध्यम से दिया जाता था, लेकिन योजना लागू होने के बाद कंपनियों या व्यक्तियों को पार्टियों को चंदा देने के लिए बॉन्ड खरीदने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक में एक चेक जमा करना पड़ता था। यह भी पढ़ें: लॉटरी के कारोबार से जुड़ी है सबसे ज्यादा चंदा देने वाली कंपनी, इन चार फर्मों ने खरीदे 87 करोड़ के चुनावी बॉन्डसिर्फ 22 सांसदों वाली टीएमसी को 1600 करोड़ रुपये, 52 सांसदों वाली कांग्रेस को 1400 करोड़ रुपये, 12 सांसदों वाली बीजद को 775 करोड़ रुपये और 23 सांसदों वाली द्रमुक को 639 करोड़ रुपये के बॉन्ड मिले। हकीकत यह है कि हमारे 303 सांसद हैं। हमें छह हजार करोड़ के बॉन्ड मिले हैं। 242 सांसद जिन पार्टियों के हैं, उन्हें 14 हजार करोड़ के बॉन्ड मिले हैं।