Electoral Bonds Scheme: विपक्ष के पास मोदी का कोई तोड़ नहीं, डूब रही गठबंधन की नांव; चुनावी बॉन्ड पर भाजपा की पहली प्रतिक्रिया
Electoral Bonds Scheme भाजपा प्रवक्ता ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ राजनीतिक दल इसका राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि उनके पास मोदी जी के नेतृत्व और उनकी सरकार द्वारा किए गए सकारात्मक कार्यों का कोई जवाब या विकल्प नहीं है। भारत अब दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।
पीटीआई, नई दिल्ली। चुनावी बॉन्ड योजना के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनावाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसपर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड योजना की आलोचना करते हुए इसे असंवैधानिक बताया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर भाजपा ने कहा कि शीर्ष अदालत के हर फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए। विपक्ष इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहा है क्योंकि उसके पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और उनकी सरकार द्वारा किए गए सकारात्मक कार्यों का कोई विकल्प नहीं है।
सुप्रीम फैसले का होना चाहिए सम्मान
भाजपा की यह प्रतिक्रिया सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक ऐतिहासिक फैसले में लोकसभा चुनाव से पहले चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द करने के बाद आई है। भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि हम अदालत में अपना पक्ष रखते हैं, कुछ मामले जीतते हैं और कुछ हारे जाते हैं। लेकिन हर किसी को सुप्रीम कोर्ट के किसी भी आदेश या फैसले को स्वीकार और सम्मान करना चाहिए।
विपक्ष के पास नहीं भाजपा का तोड़
भाजपा प्रवक्ता ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ राजनीतिक दल इसका राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि उनके पास मोदी जी के नेतृत्व और उनकी सरकार द्वारा किए गए सकारात्मक कार्यों का कोई जवाब या विकल्प नहीं है। भारत अब दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है।गठबंधन की डूब रही नांव
नलिन कोहली ने कहा कि ये राजनीतिक दल जिस जिस गठबंधन को तैयार कर रहे थे, वो अब खुद दल-दल में फंसता जा रहा है। केंद्र सरकार चुनावों में काले धन के इस्तेमाल के मुद्दे से निपटने के लिए चुनावी बॉन्ड योजना लेकर आई है। इसका मुख्य उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया में काले धन को कैसे रोका जाए। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को स्वीकार किया जाना चाहिए।