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भारत होते हुए बांग्लादेश पहुंची नेपाल में बनी बिजली, एक ही प्रोजेक्ट से तीनों देशों को होगा फायदा

नेपाल में बनी बिजली पहली बार भारत की ट्रांसमिशन लाइन के जरिए बांग्लादेश पहुंच गई है। इस बारे में इन तीनों देशों के बीच पहले ही समझौता हो गया था। भारत भी भविष्य में नेपाल से 10 हजार मेगावाट बिजली खरीदने की घोषणा कर चुका है। यह बिजली नेपाल में पनबिजली परियोजनाओं से बनेंगी। पढ़ें क्या है तीनों देशों का प्लान।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Fri, 15 Nov 2024 05:51 PM (IST)
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प्रोजेक्ट को लेकर तीनों देशों के बीच पहले ही हो गया था समझौता। (File Image)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। समूचे दक्षिण एशिया में एक ही ट्रांसमिशन लाइन की दिशा में आज एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया गया है। पहली बार नेपाल में बनी बिजली भारत की ट्रांसमिशन लाइन के जरिए बांग्लादेश पहुंच गई है। वैसे इस बारे में इन तीनों देशों के बीच पहले ही समझौता हो गया था।

शुक्रवार को एक वर्चुअल कार्यक्रम में बिजली, आवास व शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने बांग्लादेश सरकार में बिजली मंत्रालय के सलाहकार फौजल कबीर खान और नेपाल के ऊर्जा मंत्री दीपक खडका के साथ मिल कर इस तीन देशों के बीच हुए इस बिजली खरीद-बिक्री प्रक्रिया की शुरुआत की।

तीनों देशों को होगा लाभ

यह पहला मौका है, जब भारत की नेपाल में बनने वाली बिजली को भारतीय ग्रिड के जरिए किसी तीसरे देश को भेजा गया है। भारत सरकार ने कहा है कि बिजली के इस लेन-देन से दक्षिण एशिया में बिजली सेक्टर में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा।

नेपाल के पूर्व पीएम पुष्प कमल दहल प्रचंड जब पिछले वर्ष नई दिल्ली आये थे, तब नेपाल में उत्पादित 40 मेगावाट बिजली को बांग्लादेश को बेचे जाने पर सहमति बनी थी। इससे नेपाल को जहां विदेशी मुद्रा की आमदनी होगी, वहीं बांग्लादेश में मौजूदा बिजली संकट को दूर करने में मदद मिलेगी।

भारत भी खरीदेगा नेपाल से बिजली

भारत को भी ढांचागत सुविधाओं के बदले एक फीस मिलेगी। भारत भी भविष्य में नेपाल से 10 हजार मेगावाट बिजली खरीदने की घोषणा कर चुका है। यह बिजली नेपाल में पनबिजली परियोजनाओं से बनेंगी। इसमें कुछ परियोजनाएं भारतीय कंपनियां ही लगाएंगी।