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भीमा कोरेगांव-एल्गार परिषद मामले में गौतम नवलखा को मिली बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत

Elgar Parishad case सुप्रीम कोर्ट ने आज कार्यकर्ता गौतम नवलखा को जमानत दे दी है। वहीं सर्वोच्च न्यायालय ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई गई रोक को बढ़ाने से इनकार कर दिया। अगस्त 2018 में गिरफ्तार किए गए नवलखा को पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने घर में नजरबंद करने की अनुमति दी थी। वह वर्तमान में नवी मुंबई में रह रहे हैं।

By Piyush Kumar Edited By: Piyush Kumar Updated: Tue, 14 May 2024 01:00 PM (IST)
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सुप्रीम कोर्ट ने एल्गार परिषद-माओवादी से जुड़े मामले में गौतम नवलखा को राहत दी।(फोटो सोर्स: जागरण)
एएनआई, नई दिल्ली। एल्गार परिषद-माओवादी से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज कार्यकर्ता गौतम नवलखा को जमानत दे दी है। वहीं, सर्वोच्च न्यायालय ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई गई रोक को बढ़ाने से इनकार कर दिया। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने कार्यकर्ता गौतम नवलखा को नजरबंदी में सुरक्षा के खर्च के लिए 20 लाख रुपये देने का निर्देश दिया।

19 दिसंबर को बॉम्बे हाई कोर्ट ने जमानत दी थी

शीर्ष अदालत ने कहा कि नवलखा चार साल से अधिक समय से जेल में हैं और मामले में अभी तक आरोप तय नहीं किये गये हैं। बॉम्बे हाई कोर्ट ने पिछले साल 19 दिसंबर को नवलखा को जमानत दे दी थी, लेकिन एनआईए द्वारा शीर्ष अदालत में अपील दायर करने के लिए समय मांगने के बाद अपने आदेश पर तीन सप्ताह के लिए रोक लगा दी थी।

पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने नवलखा को दी थी नजरबंद की इजाजत

अगस्त 2018 में गिरफ्तार किए गए नवलखा को पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने घर में नजरबंद करने की अनुमति दी थी। वह वर्तमान में नवी मुंबई में रह रहे हैं।

क्या है पूरा मामला?

यह मामला 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में आयोजित एल्गार परिषद सम्मेलन में दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित है, जिसके बारे में पुलिस का दावा है कि अगले दिन पश्चिमी महाराष्ट्र शहर के बाहरी इलाके में कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के पास हिंसा भड़क उठी थी। इस मामले में 16 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है और उनमें से पांच फिलहाल जमानत पर बाहर हैं।

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