Twitter लोगो का भारतीय रेलवे के 'X' साइन से है कोई संबंध? कोच के पीछे क्यों बना होता है ये निशान
‘X’ sign on Indian coachएलन मस्क द्वारा ट्विटर का नया लोगो X जारी करने के एक दिन बाद दक्षिण पश्चिम रेलवे ने मंगलवार को भारतीय रेलवे की एक ट्रेन की तस्वीर ट्वीट की जिस पर बड़ा पीला X लिखा हुआ है।तस्वीर को ट्वीट करते हुए दक्षिण पश्चिम रेलवे ने कहा भारतीय रेलवे का एक्स फैक्टर। क्या आप जानते हैं कि कोच पर बने X चिन्ह का क्या मतलब होता है?
By Jagran NewsEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Wed, 26 Jul 2023 11:31 AM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। ‘X’ sign on India Train coach: ट्विटर का लोगो 'X' काफी ट्रेंड कर रहा है। हर जगह इसी की चर्चा हो रही है। भारतीय रेलवे ने भी इसी से संबधित एक पोस्ट शेयर किया है। दक्षिण पश्चिम रेलवे ने ट्रेन के डिब्बे के पीछे बने निशान 'x'की तस्वीर पोस्ट कर नेटिजन्स से सवाल किया है। दक्षिण पश्चिम रेलवे ने पूछा है कि 'क्या आप जानते हैं कोच पर बने X चिन्ह का क्या मतलब होता है?'
क्या होता है रेलवे में 'X' के पीछे का मतलब?
रेलवे में 'X' के पीछे का मतलब यह है कि यह किसी विशेष ट्रेन के समाप्त होने का संकेत देता है। यह स्टेशन गार्ड के लिए एक संकेत है कि ट्रेन में कोई अन्य डिब्बा पीछे नहीं छूटा है या ट्रेन में शामिल नहीं होगा। इस वजह से निशान हमेशा ट्रेन के आखिरी डिब्बे के पीछे लिखा होता है। इसका कलर पीला या सफेद रंग का होता है।
पोस्ट को मिले 1 हजार से ज्यादा लाइक
दक्षिण पश्चिम रेलवे के इस पोस्ट को 1,000 से अधिक लाइक मिल चुके है और लगभग 100 बार रीट्वीट किया गया है। रेल मंत्रालय ने ट्रेन के आखिरी डिब्बे पर एक्स का मतलब भी समझाया है। इस साल मार्च में, रेल मंत्रालय ने एक ट्रेन पर पीले 'X' की तस्वीर के साथ एक ट्वीट साझा किया और लोगों से पूछा कि क्या उन्हें पता है कि 'X फैक्टर' का क्या मतलब है।The 'X' factor of #IndianRailways
— South Western Railway (@SWRRLY) July 24, 2023
Do you know what the X sign on the coach means? #TwitterX #TheX pic.twitter.com/wjJ0o2W4Z0
मंत्रालय ने भी किया ट्वीट
मंत्रालय ने ट्वीट किया, 'क्या आप जानते हैं? ट्रेन के आखिरी डिब्बे पर 'X' अक्षर दर्शाता है कि ट्रेन बिना कोई डिब्बा छूटे गुजर गई है।'उन्होंने तस्वीर के साथ एक कैप्शन भी दिया जिसमें लिखा है, 'अक्षर 'X' दर्शाता है कि यह ट्रेन का आखिरी कोच है। रेलवे अधिकारियों को इस बात की पुष्टि मिल जाती है कि ट्रेन पूरी तरह गुजर चुकी है और कोई भी कोच पीछे नहीं छूटा है।'