Israel Hamas War: 'बंधकों की वापसी तक चैन से नहीं बैठेगा इजरायल', दूतावास ने दिल्ली के आसमान में छोड़े 'आशा के गुब्बारे'
भारत में इजरायली दूतावास ने शनिवार को हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों के साथ एकजुटता दिखाई। इजरायली दूतावास ने एक अभियान- आशा के गुब्बारे बंधकों को घर लाओ के तहत आसमान में गुब्बारे उड़ाए। इस अभियान के तहत दिल्ली के आसमान में 229 गुब्बारे छोड़े गए जिनमें से प्रत्येक गुब्बारा बंधक बनाए गए लोगों का प्रतिनिधित्व करता है।
एएनआई, नई दिल्ली। भारत में इजरायली दूतावास ने शनिवार को हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों के साथ एकजुटता दिखाई। इजरायली दूतावास ने एक अभियान- 'आशा के गुब्बारे: बंधकों को घर लाओ' के तहत आसमान में गुब्बारे उड़ाए।
आसमान में छोड़े गए गुब्बारे
इस अभियान के तहत दिल्ली के आसमान में 229 गुब्बारे छोड़े गए, जिनमें से प्रत्येक गुब्बारा बंधक बनाए गए लोगों का प्रतिनिधित्व करता है। इजरायली दूतावास ने कहा कि हम एकजुट हैं और हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे, जब तक हमारे लोग सुरक्षित वापस नहीं आ जाते।
In New Delhi and across the globe, 229 balloons soared into the skies, each representing a man, woman, or child held hostage by #HamasTerrorists.
We stand united and will not rest until our loved ones are safely returned.
Every balloon carries symbolises a cry for… pic.twitter.com/wT2wPSJIAf
हमास ने सात अक्टूबर को किया था हमला
बता दें कि हमास ने सात अक्टूबर को इजरायल में अपने आतंकियों को घूसपैठ कराकर हमला किया था। इस हमले में सैकड़ों निर्दोष नागरिकों की मौत हुई थी, जिसके जवाब में इजरायल ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है।
गाजा पट्टी में इजरायल की बड़ी कार्रवाई
जानकारी के अनुसार, इजरायली सेना ने शुक्रवार देर रात गाजा पट्टी की इंटरनेट और मोबाइल सेवा बंद कर दी और वहां बड़ी जमीनी कार्रवाई की। इजरायली थलसेना और वायुसेना की आपसी तालमेल से गाजा में कार्रवाई की गई।
हमास ने बंधकों की रिहाई के लिए रखी ये शर्त
इधर, फलस्तीन के आतंकी संगठन हमास ने 30 बच्चों समेत 220 बंधकों की रिहाई के लिए गाजा में बमबारी रोकने और युद्धविराम घोषित किए जाने की शर्त रखी है। इन 220 बंधकों में बड़ी संख्या में यूरोपीय देशों के नागरिक भी शामिल हैं।
बता दें कि इजरायली सैन्य कार्रवाई में गाजा में अब तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 7,326 हो गई है, जिनमें 3,038 बच्चे हैं।