देशभर में तालाबों पर है अतिक्रमण, मंत्रालय ने साझा की रिपोर्ट; केंद्र ने राज्यों को ठोस कदम उठाने को कहा
जलशक्ति मंत्रालय के सचिव पंकज कुमार के अनुसार जलाशयों पर बढ़ता अतिक्रमण चिंता की बात है। पहली गणना रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 35 हजार जलाशय 25 से सौ प्रतिशत तक अतिक्रमण के शिकार हैं। जलशक्ति मंत्रालय ने जलाशय गणना की रिपोर्ट साझा करते हुए राज्यों को तुरंत ठोस कदम उठाने के लिए कहा। दूसरी जलाशय गणना की तैयारी शुरू 2025 में आएगी रिपोर्ट।
By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Tue, 12 Sep 2023 11:20 PM (IST)
नई दिल्ली, मनीष तिवारी। शहरों में जलभराव और भूजल स्तर में गिरावट की एक बड़ी वजह जलाशयों पर अतिक्रमण को गंभीर समस्या बताते हुए केंद्र सरकार ने राज्यों से इस पर तत्काल कदम उठाने के लिए कहा है। देश में पहली बार हुई जलाशयों की गणना रिपोर्ट को साझा करते हुए जलशक्ति मंत्रालय ने राज्यों से यह अपेक्षा की है कि वे जलाशयों के अतिक्रमण को हटाने की प्रक्रिया तेज करें ताकि अगली गणना में स्थिति बेहतर दिख सके।
देश में जलाशयों के अतिक्रमण की तस्वीर हुई साफ
जलशक्ति मंत्रालय के सचिव पंकज कुमार के अनुसार जलाशयों पर बढ़ता अतिक्रमण चिंता की बात है। पहली गणना रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 35 हजार जलाशय 25 से सौ प्रतिशत तक अतिक्रमण के शिकार हैं। इन्हें अवैध कब्जों से मुक्त कराना राज्यों का काम है। जो पहली रिपोर्ट इस साल जारी की गई है वह 2017-18 के सर्वेक्षण पर आधारित है। इससे देश में जलाशयों के अतिक्रमण की तस्वीर साफ हुई है।
रिपोर्ट के अनुसार जिन तीन राज्यों में सबसे अधिक जलाशयों पर अतिक्रमण किया गया है, उनमें उत्तर प्रदेश (15301), तमिलनाडु (8366), आंध्र प्रदेश (3920) शामिल हैं। पंकज कुमार ने बताया कि मंत्रालय की ओर से राज्यों को जो चिट्ठी लिखी गई है, उसमें इस विषय की गंभीरता को उठाया गया है। इस मामले में राज्यों की सक्रियता इसलिए जरूरी है, क्योंकि पिछले दिनों एक वर्कशाप के साथ ही दूसरी जलाशय गणना की तैयारियां शुरू हो गई हैं।
मंत्रालय की कोशिश यह है कि इस गणना की रिपोर्ट जल्दी आए। 2024 में इस गणना की प्रक्रिया पुरी तरह शुरू हो जाएगी और इसके अगले साल रिपोर्ट आ जाएगी।
जल उपयोग की दक्षता बढ़ाने के लिए बनी समिति ने रिपोर्ट सौंपी
जल उपयोग की दक्षता बढ़ाने के लिए ब्यूरो ऑफ वाटर यूज एफिसिएंशी (बीओडब्ल्यूई) की ओर से गठित किए गए विशेषज्ञों के समूह ने अपनी रिपोर्ट जलशक्ति मंत्रालय को सौंप दी है। इंटरनेशनल वाटर मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट के भारतीय प्रतिनिधि आलोक सिक्का की अध्यक्षता में गठित इस समूह में चुनिंदा राज्यों के प्रतिनिधियों के अलावा केंद्रीय भूजल बोर्ड, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, कृषि मंत्रालय, इस्पात मंत्रालय, भारतीय मानक ब्यूरो, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली जल बोर्ड, जल तकनीक केंद्र, फिक्की-एसोचैम के प्रतिनिधि शामिल हैं।जलाशयों पर अतिक्रमण हटाएं राज्य: केंद्र
जलशक्ति मंत्रालय ने जलाशय गणना की रिपोर्ट साझा करते हुए राज्यों को तुरंत ठोस कदम उठाने के लिए कहादूसरी जलाशय गणना की तैयारी शुरू, 2025 में आएगी रिपोर्ट
शहरों में जलभराव और भूजल स्तर में गिरावट की एक बड़ी वजह जलाशयों पर अतिक्रमण को गंभीर समस्या बताते हुए केंद्र सरकार ने राज्यों से इस पर तत्काल कदम उठाने के लिए कहा है। देश में पहली बार हुई जलाशयों की गणना रिपोर्ट को साझा करते हुए जलशक्ति मंत्रालय ने राज्यों से यह अपेक्षा की है कि वे जलाशयों के अतिक्रमण को हटाने की प्रक्रिया तेज करें ताकि अगली गणना में स्थिति बेहतर दिख सके।जलशक्ति मंत्रालय के सचिव पंकज कुमार के अनुसार जलाशयों पर बढ़ता अतिक्रमण चिंता की बात है। पहली गणना रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 35 हजार जलाशय 25 से सौ प्रतिशत तक अतिक्रमण के शिकार हैं। इन्हें अवैध कब्जों से मुक्त कराना राज्यों का काम है। जो पहली रिपोर्ट इस साल जारी की गई है वह 2017-18 के सर्वेक्षण पर आधारित है। इससे देश में जलाशयों के अतिक्रमण की तस्वीर साफ हुई है।