Move to Jagran APP

किंग चार्ल्स III की ताजपोशी का गवाह बनेगा इंग्लैंड, पवित्र तेल से होगा अभिषेक; क्या है शाही परिवार की भूमिका

England King Charles III ब्रिटेन के लिए आज ऐतिहासिक दिन है। आज ब्रिटेन के नए शासक किंग चार्ल्स तृतीय की ताजपोशी होनी है। किंग चार्ल्स के राज्याभिषेक के लिए लगभग 100 राष्ट्राध्यक्ष राजपरिवार समेत कई हस्तियों के शामिल होने की उम्मीद है।

By Mohd FaisalEdited By: Mohd FaisalUpdated: Sat, 06 May 2023 09:32 AM (IST)
Hero Image
England King Charles III: किंग चार्ल्स III की ताजपोशी का गवाह बनेगा इंग्लैंड
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। England King Charles III: ब्रिटेन के लिए आज ऐतिहासिक दिन है। आज ब्रिटेन के नए शासक किंग चार्ल्स तृतीय की ताजपोशी होनी है। किंग चार्ल्स के राज्याभिषेक के लिए लगभग 100 राष्ट्राध्यक्ष, राजपरिवार समेत कई हस्तियों के शामिल होने की उम्मीद है। इस समारोह का आयोदन लंदन के वेस्टमिंस्टर एब्बे में होगा।

एलिजाबेथ की मौत के बाद बनें ब्रिटन के राजा

किंग चार्ल्स तृतीय ने बीते साल सितंबर में अपनी मां महारानी एलिजाबेथ की मौत के बाद यूनाइटेड किंगडम और 14 अन्य देशों के सम्राट के दावेदार बने थे, आज शपथ लेते ही वह इन देशों के सम्राट बन जाएंगे। किंग चार्ल्स आज देश के कानून और चर्च ऑफ इंग्लैंड को बना रखने की शपथ लेंगे। उनका यरूशलेम के पवित्र क्रिस्म तेल से अभिषेक किया जाएगा। इसके बाद कैंटरबरी के आर्कबिशप द्वारा उन्हें क्राउन ज्वेल्स पहनाया जाएगा। जो इंग्लैंड के सम्राट की शक्ति का प्रतीक हैं।

बग्घी में सवार होकर वेस्टमिंस्टर एब्बे पहुंचेंगे किंग चार्ल्स और कैमिला

किंग चार्ल्स अपनी दूसरी पत्नी महारानी कैमिला के साथ बग्घी में सवार होकर वेस्टमिंस्टर एब्बे में पहुंचेंगे। महारानी कैमिला भी इस राज्याभिषेक से गुजरेंगी। बता दें कि ताजपोशी के बाद सम्राट चार्ल्स और महारानी कैमिला, गोल्ड स्टेट कोच में बैठकर राजमहल वापस आएंगे। किंग चार्ल्स तृतीय की कैमिला से दूसरी शादी है, उन्होंने पहली शादी राजकुमारी डायना से हुई थी। दिवंगत महारानी एलिजाबेथ ने पिछले साल कैमिला को क्वीन कॉन्सर्ट की उपाधि लेने का आशीर्वाद दिया था, हालांकि पता चलता है कि जनता अभी भी उनके इस खिताब को लेकर असहज है।

किंग चार्ल्स तृतीय के बेटे व पोते भी होंगे शामिल

  • बता दें कि किंग चार्ल्स के सबसे बड़े बेटे और सिंहासन के उत्तराधिकारी प्रिंस विलियम राज्याभिषेक में एक प्रमुख भूमिका निभाएंगे। वह अपने पिता पिता के सामने घुटने टेककर वफादारी की प्रतिज्ञा लेंगे।
  • इसके अलावा इस समारोह से उनके छोटे भाई राजकुमार हैरी भी मौजूद रहेंगे। हालांकि उनकी पत्नी मेगन मार्कल के इस समारोह का हिस्सा नहीं होंगी।
  • साथ ही प्रिंस विलियम का सबसे बड़ा बेटा जॉर्ज भी इस भव्य समारोह का गवाह बनेगा। साथ ही उनके दो छोटे बच्चे शार्लोट और लुइस भी समारोह में शामिल होंगे। वह किंग चार्ल्स के राज्याभिषेक में शामिल होने के लिए भव्य जुलूस में शामिल एक गाड़ी में सवार होकर एब्बे पहुंचेंगे।

  • हालांकि, हैरी और मेगन के दो बच्चे प्रिंस आर्ची और प्रिंसेज लिलबेट अपनी मां के साथ साउथ कैलीफॉर्निया के अपने घर में ही रहेंगे।
  • समारोह में हैरी की कोई आधिकारिक भूमिका नहीं होगी और वह जुलूस में हिस्सा नहीं लेंगे। यह भी स्पष्ट नहीं है कि वह शनिवार को राज्याभिषेक के बाद में भीड़ का अभिवादन करने के लिए बालकनी में दिखाई देंगे भी या नहीं।

प्रिंस एंड्रयू और ऐनी चार्ल्स बनेंगी ऐतिहासिक क्षण की गवाह

बता दें कि चार्ल्स की बहन ऐनी चार्ल्स, कैमिला की गाड़ी के पीछे जुलूस में सवार होंगी। जिसे गोल्ड स्टिक के रूप में जाना जाता है। इसे हेनरी VIII के शासनकाल के दौरान बनाया गया था, जब सम्राट की व्यक्तिगत सुरक्षा के साथ एक वफादार दरबारी को सम्राट की ओर से सवारी करने का आदेश दिया गया था। इसके अलावा महारानी एलिजाबेथ के तीसरे बच्चे प्रिंस एंड्रयू राज्याभिषेक में शामिल होंगे, लेकिन इस दौरान उनकी कोई आधिकारिक भूमिका नहीं होगी।

कितने बजे शुरू होगा समारोह

बता दें कि शनिवार को लंदन के समयानुसार सुबह 11 बजे यानी भारतीय समयानुसार शाम 4:30 बजे राज्याभिषेक का कार्यक्रम शुरू होगा। इस समारोह का LIVE प्रसारण किया जाएगा। इस समारोह में करीब 1021 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होने का अनुमान है। ये खर्चा ब्रिटिश सरकार उठाएगी। उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन करीब 70 साल बाद एक बार फिर शाही ताजपोशी का गवाह बनेगा।

राजा के राज्याभिषेक पर डाक टिकट जारी

किंग चार्ल्स 3 के राज्याभिषेक के अवसर पर रॉयल मेल द्वारा डाक टिकट भी जारी किए गए हैं। इन जारी किए गए चार डाक टिकटों पर सिख, हिंदु, मुसलमान की एकता को दर्शाया गया है। साथ ही उनके पूजा स्थलों को दर्शाने वाला एक डाक टिकट भी शामिल है। एक समाचार विज्ञप्ति में कहा गया है कि विविधता और समुदाय शीर्षक से डाक टिकट एक बहु-विश्वास समुदाय और समकालीन ब्रिटिश समाज की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है।

डाक टिकट में यहूदी, इस्लामी, ईसाई, सिख, हिंदू और बौद्ध धर्मों का प्रतिनिधित्व करने वाले आंकड़े हैं और यह सभी धर्मों का प्रतिनिधित्व करता है।

कहा गया है कि पृष्ठभूमि ग्रामीण और शहरी ब्रिटेन दोनों के पहलुओं को दिखाती है और इसमें यूनाइटेड किंगडम के आसपास पाए जाने वाले पूजा के कई अलग-अलग स्थान शामिल हैं। यह इतिहास में केवल तीसरी बार है जब रॉयल मेल ने राज्याभिषेक को चिन्हित करने के लिए डाक टिकट जारी किया है। पिछले दो अवसर 1937 में किंग जॉर्ज 4 और 1953 में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के लिए थे।