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'जेलों में समलैंगिक समुदाय के साथ न हो कोई भेदभाव', केंद्र ने सभी राज्यों को दिए ये निर्देश

Home Ministry Order केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर कहा है कि वे सुनिश्चित करें कि जेलों में समलैंगिक समुदाय (एलजीबीटीक्यू+) के साथ कोई भेदभाव न हो। इसे लेकर गृह मंत्रालय ने दिशा-निर्देश जारी करते हुए सभी राज्यों से इसका पालन करने की अपील की है। जानिए मंत्रालय ने इसे लेकर क्या-क्या कहा है।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Wed, 17 Jul 2024 07:48 PM (IST)
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गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से इस विषय की ओर ध्यान देने का अनुरोध किया। (File Photo)
एएनआई, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने जेलों में समलैंगिक समुदाय (एलजीबीटीक्यू+) के साथ होने वाले भेदभावों को रोकने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश जारी किया है। गृह मंत्रालय की ओर से लिखे गए पत्र में सभी राज्यों /केंद्र शासित प्रदेशों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि समलैंगिक समुदाय (एलजीबीटीक्यू+) के सदस्यों को जेल में समान अधिकार मिले और वस्तुओं और सेवाओं तक पहुंच में कोई भेदभाव न हो।

मंत्रालय ने इसे लेकर जारी आदेश में लिखा, 'गृह मंत्रालय (एमएचए) का निरंतर प्रयास रहा है कि कुशल जेल प्रशासन के विभिन्न पहलुओं पर सर्वोत्तम अभ्यास और प्रबंधन के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों तक पहुंचें और समसामयिक दिशा-निर्देश साझा करें।'

लिंग के आधार पर होता है भेदभाव: मंत्रालय

गृह मंत्रालय ने आगे लिखा, 'मंत्रालय के संज्ञान में आया है कि समलैंगिक सदस्य समुदाय (LGBTQ+) के साथ अक्सर उनके लिंग के कारण भेदभाव किया जाता है। पहचान या यौन रुझान के कारण अक्सर हिंसा और अनादर का सामना करना पड़ता है। ऐसे में यह यह सुनिश्चित करने के लिए कि समलैंगिक समुदाय तक वस्तुओं और सेवाओं के पहुंचने में कोई भेदभाव न हो, विशेषकर जेल मुलाक़ात अधिकारों के संदर्भ में, निम्नलिखित दिशा-निर्देश दोहराए जाते हैं।'

दिशा-निर्देशों के साथ मंत्रालय ने सभी राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों से इस विषय पर ध्यान देने का अनुरोध करते हुए कहा कि जेल प्राधिकारी सुनिश्चित करें कि सभी व्यक्तियों के साथ समान और उचित रूप से व्यवहार किया जाए और कोई भी व्यक्ति, विशेष रूप से समलैंगिक समुदाय से संबंधित व्यक्ति के साथ किसी भी तरह से भेदभाव न किया जाए।