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पुणे में EY कर्मचारी की मौत पर बहस तेज, अब डेलॉइट कर्मचारी ने साझा किया 'वर्क प्रेशर' का अनुभव; वायरल हुआ पोस्ट

पुणे में एक 26 साल की सीए की मौत का मामला तूल पकड़ रहा है। ऐसे में कॉर्पोरेट कल्चर और वर्क लोड को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। इस बीच अब डेलॉइट कर्मचारी ने अपना अनुभव शेयर किया और कहा “मैं पूरी तरह से समझ सकता हूं कि अन्ना पर क्या गुजरी होगी। हमेशा याद रखें कि आप उनके लिए सिर्फ एक कर्मचारी संख्या हैं।

By Jagran News Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Fri, 20 Sep 2024 04:18 PM (IST)
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डेलॉइट कर्मचारी ने साझा किया 'वर्क प्रेशर' का अनुभव
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पुणे में एक 26 साल की सीए की मौत का मामला तूल पकड़ रहा है। ऐसे में कॉर्पोरेट कल्चर और वर्क लोड को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। कई कर्मचारी अपने-अपने अनुभव शेयर कर रहे हैं। उनमें से एक डेलॉइट के कर्मचारी ने भी अपना अनुभव शेयर किया है।

उन्होंने एक्स पर अपना अनुभव शेयर किया है और कहा, 'मैं डेलॉइट में अपना निजी अनुभव साझा करना चाहूंगा। उन्होंने सुबह 5 बजे काम के बारे में उनके और उनके साथियों के बीच हुई बातचीत के स्क्रीनशॉट भी शेयर किए। उन्होंने दावा किया कि वे 20 घंटे काम करते थे और दिन की शुरुआत 15 घंटे से भी कम आराम के साथ करते थे।

डेंटिस्ट के पास थी बहन, चिढ़ गया बॉस

उसने आगे 26 साल की एना के लिए दुख जताया और कहा, “मैं पूरी तरह से समझ सकता हूं कि अन्ना पर क्या गुजरी होगी। हमेशा याद रखें कि आप उनके लिए सिर्फ एक कर्मचारी संख्या हैं।'' उनके इस पोस्ट पर कई लोगों ने अपने प्रतिक्रिया व्यक्त की है और अपने-अपने अनुभव साझा किए हैं।

एक यूजर ने लिखा, मेरी बहन (बिग फर्म के साथ काम करती थी) उसे कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। वह डेंटिस्ट के पास थी और सीनियर ने मैसेज किया और कहा कि कम से कम तुरंत जवाब दो और कुछ घंटों के बाद काम करो और वह चिढ़ गई जब उसने कहा कि वह पूरे दिन (गैर-कार्य दिवस पर) जवाब नहीं दे पाएगी।

'अगर पैसा फेंकेंगे तो कुछ भी करेगा'

एक अन्य व्यक्ति ने कहा, 'मैंने एक बार एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम किया था, जहां वे प्रोडक्शन के लिए एक फीचर रिलीज करने के लिए पूरी रात जागने को बोलते थे, जो काम सुबह में आसानी से किया जा सकता था।

एक व्यक्ति ने पोस्ट किया, “ईवाई को भारत में किसी भी एमएनसी (आईटी, बैंक, कंसल्टिंग) से तुलना करें तो वहां भी MNC कंपनियों का मानना ​​है कि यदि भारतीय पर अधिक पैसा फेंकेंगे तो वे कुछ भी करेंगे।

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