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Ex-envoy Ajay Bisaria: 'भारत के डर से लिया था अभिनंदन को छोड़ने का फैसला', अजय बिसारिया ने अपनी किताब में किए कई खुलासे

पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त रहे अजय बिसारिया ने एक किताब लिखी है जिसका शीर्षक- एंगर मैनेजमेंट द ट्रबल डिप्लोमेटिक रिलेशनशिप बिटवीन इंडिया एंड पाकिस्तान है। अजय बिसारिया ने इसमें भारत के बालाकोट हमलों के बाद की कूटनीतिक स्थिति को लेकर कई खुलासे किए हैं। सबसे पहले उन्होंने किताब के शीर्षक के बारे में बात करते हुए कहा कि यह एक चंचल शीर्षक है।

By Jagran News Edited By: Siddharth ChaurasiyaUpdated: Tue, 09 Jan 2024 12:48 PM (IST)
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अजय बिसारिया ने भारत के बालाकोट हमलों के बाद की कूटनीतिक स्थिति को लेकर कई खुलासे किए हैं।

एएनआई, नई दिल्ली। पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त रहे अजय बिसारिया ने एक किताब लिखी है, जिसका शीर्षक- 'एंगर मैनेजमेंट: द ट्रबल डिप्लोमेटिक रिलेशनशिप बिटवीन इंडिया एंड पाकिस्तान' है। अजय बिसारिया ने इसमें भारत के बालाकोट हमलों के बाद की कूटनीतिक स्थिति को लेकर कई खुलासे किए हैं। सबसे पहले उन्होंने किताब के शीर्षक के बारे में बात करते हुए कहा कि यह एक 'चंचल शीर्षक' है।

उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, "मैंने पाया कि इस (भारत-पाकिस्तान) रिश्ते में गुस्सा एक महत्वपूर्ण मूल भाव है। पिछले 76 वर्षों में विभाजन, युद्ध, आतंकवाद पर गुस्सा रहा है ... इसलिए रिश्ते में वास्तविक, उचित, अनुचित, बहुत गुस्सा है।"

उन्होंने कहा कि नीति के संदर्भ में प्रबंधन के आसपास बहुत बातचीत हुई है। इसको लेकर तर्क यह है कि आप इस मुद्दे को स्थायी रूप से शांति से हल नहीं कर सकते हैं, लेकिन आप इसे कूटनीति और अन्य माध्यमों से विभिन्न तरीकों से प्रबंधित कर सकते हैं। मुझे लगता है कि पूरा विचार इन दो विचारों को एक साथ रखने और इसे 'एंगर मैनेजमेंट' कहने का था..."

— ANI (@ANI) January 9, 2024

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बालाकोट हमलों के बाद की कहानी

बालाकोट हमले के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा पीएम मोदी को फोन करने पर पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त ने कहा, "पुलवामा के बाद भारत ने बालाकोट में कार्रवाई की थी और उसके बाद पाकिस्तान का ऑपरेशन हुआ था। जिसको लेकर भारत ने कहा कि हमने हमले का तेजी से करारा जवाब दिया है।"

बिसारिया ने कहा, "इसी दौरान पाकिस्तान में एक भारतीय पायलट अभिनंदन को पकड़ लिया गया। किताब में मैंने पायलट को वापस लाने के लिए उसके बाद हुई जबरदस्त कूटनीति का विवरण प्रस्तुत करने की कोशिश की है।"

'एंगर मैनेजमेंट किताब का जिक्र करते हुए बिसारिया ने कहा, "बालाकोट हमलों के बाद पाकिस्तान ने कई देशों से मदद मांगते हुए कहा था कि ‘भारत ने उसकी तरफ 9 मिसाइलें तान दी हैं, जो कभी भी लॉन्च हो सकती हैं।’ इसके बाद उन देशों ने भारत में अपने विशेष दूत भेजने की पेशकश की थी। चीन ने भी कहा था कि वह तनाव कम करने के लिए भारत और पाकिस्तान में डिप्टी मिनिस्टर को भेज सकता है, लेकिन भारत सरकार ने उसका ये प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया था।"

उन्होंने कहा, "वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को वापस लाने के लिए भारत, वायुसेना का एक विमान पाकिस्तान जाने को तैयार था, लेकिन पाकिस्तान सरकार ने अनुमति देने से इनकार कर दिया था। हालांकि, पाकिस्तान भारत से डर गया था। वह संघर्ष को बढ़ाना नहीं चाहता था। दोनों देशों के बीच संघर्ष की स्थिति कम करने के लिए पाकिस्तान ने पायलट को वापस करने का विकल्प चुना।"

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