KCR के खिलाफ बिजली क्षेत्र में अनियमितताओं की चल रही थी जांच, अचानक पूर्व जज ने पैनल से नाम लिया वापस
पूर्व न्यायमूर्ति नरसिम्हा रेड्डी की अगुवाई में केसीआर की बिजली खरीद समझौते में संलिप्तता के लिए एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया था। अब जांच आयोग के प्रमुख ने ही अपना नाम वापस ले लिया है। तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री की याचिका पर सुनवाई कर रही शीर्ष अदालत को सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति रेड्डी के वकील ने सूचित किया कि वह अब इस आयोग का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। तेलंगाना सरकार ने पूर्व न्यायमूर्ति नरसिम्हा रेड्डी की अगुवाई में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के प्रमुख के. चंद्रशेखर राव (KCR) की बिजली खरीद समझौते में संलिप्तता के लिए एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया था। अब इस मामले में नया मोड़ सामने आया है। पटना उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रेड्डी ने जांच आयोग से अपना नाम वापस ले लिया है।
केसीआर ने खटखटाया था SC का दरवाजा
तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री की याचिका पर सुनवाई कर रही शीर्ष अदालत को सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति रेड्डी के वकील ने सूचित किया कि वह अब इस आयोग का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं। मालूम हो कि केसीआर ने इस मामले में जांच पैनल के प्रमुख के खिलाफ पक्षपात का आरोप लगाते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
राव के वकील ने क्या कहा?
इस मामले की सुनवाई कर रही मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ से राव के वकील ने कहा कि पूर्व न्यायाधीश ने बिना किसी जांच के ही केसीआर के खिलाफ कुछ टिप्पणियां करते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया था।तेलंगाना HC से राव को लगा था झटका
इससे पहले तेलंगाना उच्च न्यायालय ने इस मामले में केसीआर को झटका देते हुए उनके द्वारा दायर रिट याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें बिजली क्षेत्र में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए जांच आयोग के गठन को अवैध घोषित करने की मांग की गई थी। राव ने कोर्ट से मांग की थी कि पूर्व जज रेड्डी को आयोग के प्रमुख के रूप में जारी रखना अवैध घोषित किया जाए।
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