सात वर्ष बाद फिर अंतरराष्ट्रीय मीडिया में छाई निर्भया के दोषियों को मिली फांसी की खबर
निर्भया मामला एक बार फिर से इंटरनेशनल मीडिया में छा गया है। दोषियों को फांसी होने के साथ ही इसकी कवरेज भी शुरू हो गई है।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Fri, 20 Mar 2020 06:40 AM (IST)
नई दिल्ली। निर्भया मामले के सभी दोषियों को दिल्ली के तिहाड़ जेल में फांसी देने के साथ ही ये खबर इंटरनेशनल मीडिया भी सुर्खियों में छा गई है। सात वर्ष पहले इस मामले को पूरी दुनिया ने अपने अखबारों और अपने डिजिटल संस्करणों में प्रमुखता से छापा था। आज एक बार फिर से ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है। इसमें सबसे खास है सिंगापुर का स्ट्रेट टाइम्स। आपको बता दें कि निर्भया की हालत बेहद नाजुक होने के बाद भारत सरकार ने उसको अपने खर्चे पर सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में भर्ती करवाया था। उस वक्त इसी अखबार ने वहां से उसकी पल-पल की खबर भी दी थी।
आपको यहां पर ये भी बता दें कि एक विशेष एयर एंबुलेस में दिल्ली से सिंगापुर जाते समय निर्भया को हार्ट अटैक भी हुआ था, लेकिन विमान में मौजूद डॉक्टरों ने उस वक्त उसकी जान बचा ली थी। सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में डॉक्टरों ने उसको बचाने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन वक्त उनके हाथों से रेत की भांति ही निकल रहा था। 27-29 दिसंबर 2012 तक सिंगापुर के अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ने के बाद आखिरकार
उसकी सांसे थम गईं थी। उस वक्त सिंगापुर में भारत के राजदूत पूरे हालात पर नजर बनाए हुए थे वहीं मीडिया लगातार खबर दे रही थी। भारतीय राजदूत और फिर बाद में अस्पताल प्रशासन की तरफ से एक बयान जारी कर निर्भया के निधन की खबर को मीडिया से साझा किया गया था। अब जबकि शुक्रवार की सुबह 5:30 बजे इन सभी दोषियों को फांसी की सजा दे दी गई तो स्ट्रेट टाइम्स ने इस खबर को प्रमुखता से अपने डिजिटल संस्करण में प्रकाशित किया है।
निर्भया की खबर को वर्ष 2012 में दुनिया के ज्यादातर अखबारों ने प्रमुखता से छापा था। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय मीडिया में इसको लेकर कई लेख भी लिखे गए थे। इन सभी लेखों का एक ही मकसद था कि इस तरह के जघन्य अपराध करने वालों को सख्त से सख्त सजा मिले और सरकार इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए।
आपको यहां पर ये भी बता दें कि निर्भया के दोषियों को सजा दिलाने की मांग को लेकर दिल्ली समेत देश के दूसरे शहरों में जबरदस्त धरना प्रदर्शन हुए थे। हजारों की तादाद में लोगों ने इंडिया गेट पर निर्भया के दोषियों को जल्द फांसी के तख्ते पर चढ़ाने की मांग की थी। इस दौरान इन लोगों को पुलिस के डंडे और पानी की बौछारों का भी सामना करना पड़ा था। इन सभी खबरों को सिंगापुर की मीडिया समेत दूसरे देशों की मीडिया ने भी अपने यहां पर जगह दी थी।
भारत का ये शायद पहला ऐसा मामला था जिसमें कोर्ट को दोषियों की फांसी के लिए एक बार नहीं बल्कि चार बार डेथ वारंट जारी करना पड़ा था। दोषियों के वकीलों ने इस फांसी को टालने के लिए हर तरह के पैंतरे अपनाए थे। निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक कई बार इनकी तरफ से अलग अलग मांग को लेकर याचिका दायर की गई थी। लेकिन अंतत: जीत सच्चााई की हुई और दोषी अपने अंजाम तक पहुंच ही गए।
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