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India-egypt: मिस्र में शुरू हुआ एक्सरसाइज ब्राइट स्टार-23, भारतीय वायु सेना भाग लेने के लिए हुई रवाना

Exercise Bright Star 23 27 अगस्त से 16 सितंबर 2023 तक काहिरा (पश्चिम) एयर बेस मिस्र (egypt) में आयोजित होने वाले द्विवार्षिक बहुपक्षीय त्रि-सेवा अभ्यास (biennial multilateral tri-service exercise) ब्राइट स्टार-23 (BRIGHT STAR-23) में भाग लेने के लिए भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) की एक टुकड़ी आज रवाना हुई। यह अभ्यास दोनों देश की सेना संयुक्त रूप से करेगी।

By AgencyEdited By: Babli KumariUpdated: Sun, 27 Aug 2023 10:14 AM (IST)
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मिस्र के लिए रवाना हुई भारतीय वायुसेना की टुकड़ी (फोटो/एएनआई)
नई दिल्ली, एजेंसी। मिस्र में भारतीय वायु सेना और मिस्र वायु सेना साथ में एक्सरसाइज ब्राइट स्टार-23 में भाग लेंगे। इस अभ्यास में भाग लेने के लिए भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की एक टुकड़ी आज मिस्र के लिए रवाना हो चुकी है। यह द्विवार्षिक बहुपक्षीय त्रि-सेवा अभ्यास (biennial multilateral tri-service exercise)  एक्सरसाइज ब्राइट स्टार-23 (Exercise BRIGHT STAR-23) आज यानी 27 अगस्त से शुरू होने वाला है। यह सैन्य अभ्यास 27 अगस्त से 16 सितंबर 2023 तक काहिरा (पश्चिम) एयर बेस, मिस्र में आयोजित होने वाले है।

यह पहली बार है जब भारतीय वायुसेना ब्राइट स्टार-23 में भाग ले रही है। इस अभ्यास में  संयुक्त राज्य अमेरिका, सऊदी अरब, ग्रीस और कतर की टुकड़ियों की भी भागीदारी होगी। रक्षा मंत्रालय ने आज एक बयान में इसकी जानकारी दी। 

भारतीय वायुसेना के कई दल इस अभ्यास में हुए शामिल 

भारतीय वायुसेना के दल में पांच मिग-29, दो आईएल-78, दो सी-130 और दो सी-17 विमान शामिल होंगे। बयान में कहा गया है कि भारतीय वायुसेना के गरुड़ विशेष बल के कर्मियों के साथ-साथ नंबर 28, 77, 78 और 81 स्क्वाड्रन के कर्मी भी अभ्यास में भाग लेंगे।

IAF परिवहन विमान भारतीय सेना के लगभग 150 कर्मियों को एयरलिफ्ट भी प्रदान करेगा। इस संयुक्त अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त अभियानों की योजना और कार्यान्वयन का अभ्यास करना है। सीमाओं के पार संबंध बनाने के अलावा, इस तरह की बातचीत भाग लेने वाले देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को आगे बढ़ाने का साधन भी प्रदान करती है। 

भारत और मिस्र के बीच रहा है गहरा संबंध 

आपको मालूम हो कि भारत और मिस्र के बीच हमेशा से अच्छे संबंध और दोनों देश का एकदूसरे के प्रति गहरा सहयोग रहा है, जिसमें दोनों देशों ने 1960 के दशक में संयुक्त रूप से एयरो-इंजन और विमान के विकास का काम किया था और मिस्र के पायलटों का प्रशिक्षण भारतीय समकक्षों द्वारा किया गया था।