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Exit Poll 2024: कांग्रेस की मुट्ठी में दिख रहा हरियाणा, जम्मू-कश्मीर में भी एनसी गठबंधन को बढ़त

Exit Poll 2024 हरियाणा और जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले एग्जिट पोल में परिणामों का अनुमान लगाया गया है जिसमें हरियाणा में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है। वहीं जम्मू एवं कश्मीर में भी कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन को बढ़त मिलती दिख रही है। कुल मिलाकर दोनों राज्यों में भाजपा को नुकसान होता दिखाई दे रहा है। पढ़ें एग्जिट पोल्स का विश्लेषण।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Sat, 05 Oct 2024 10:42 PM (IST)
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हरियाणा में कांग्रेस अपने बलबूते बहुमत की सरकार बनाती दिख रही है। (File Image)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। हाल ही में केंद्र की सत्ता में तीसरी बार वापसी करने वाली भाजपा को हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के परिणाम निराश कर सकते हैं। शनिवार को हरियाणा में मतदान के बाद आए विभिन्न एजेंसियों के चुनाव पूर्वानुमान (एग्जिट पोल) में भाजपा को नुकसान होता दिखाई दे रहा है।

हरियाणा में कांग्रेस जहां अपने बलबूते स्पष्ट बहुमत की मजबूत सरकार बनाती दिख रही है, वहीं जम्मू-कश्मीर में दस वर्ष बाद हुए चुनाव में भाजपा बहुत मामूली बढ़त करती दिख रही है। हालांकि, महबूबा मुफ्ती के दल पीडीपी के ढलान के चलते नेशनल कान्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनने के आसार हैं।

आठ अक्टूबर को आएंगे परिणाम

हरियाणा और जम्मू-कश्मीर की 90-90 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनाव के परिणाम आठ अक्टूबर को मतगणना के बाद सामने आएंगे। हरियाणा में माना जा रहा था कि दस वर्ष से सत्तासीन भाजपा को सत्ता विरोधी लहर से नुकसान हो सकता है। संभवत: यह नाराजगी लंबे समय तक हरियाणा की कमान संभालने वाले मनोहर लाल खट्टर के प्रति थी, जिसके चलते चुनाव के कुछ माह पहले ही भाजपा नेतृत्व ने उन्हें अपदस्थ कर नायब सिंह सैनी को सीएम बनाया।

इधर, कांग्रेस संभवत: किसान आंदोलन, जाटों की नाराजगी, अग्निवीर योजना जैसे मुद्दों से भाजपा विरोधी नैरेटिव गढ़ने में सफल रही। कांग्रेस के लिए सोने पे सुहागा यह भी माना रहा है कि जेल से छूटकर संवेदनाएं भुनाने के लिए गृह राज्य के चुनाव में उतरे दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पार्टी सहित बसपा, इनेलो या जजपा जैसे दल लगभग बेअसर रहे, जिसके चलते भाजपा विरोधी वोटों का बिखराव होता भी नहीं दिख रहा।

जम्मू-कश्मीर में भी बहुमत के करीब

एग्जिट पोल का अनुमान है कि कांग्रेस को 50 से 55 सीटें मिल सकती हैं, जबकि भाजपा 25-26 के आसपास सिमट सकती है। वहीं, जम्मू-कश्मीर में भी बहुमत के लिए 46 सीटों की आवश्यकता है, जिसे नेशनल कान्फ्रेंस और कांग्रेस का गठबंधन छूता दिख रहा है। वहां गठबंधन को 40-45 सीटों का अनुमान है। वहां के चुनावों को थोड़ा अलग दृष्टिकोण से भी देखने की जरूरत है।

जम्मू क्षेत्र में 43 सीटें हैं और कश्मीर में 47 हैं। अगस्त, 2019 में मोदी सरकार ने इस केंद्र शासित प्रदेश से जो अनुच्छेद 370 को हटाया, उसका लाभ भाजपा को जम्मू में मिलने की संभावना है। राज्य में दस वर्ष पूर्व हुए चुनाव में भाजपा को जहां 25 सीटें मिली थीं, इस बार वह आंकड़ा 26 से 29 तक पहुंचने का अनुमान है।

घाटी में भाजपा को नहीं मिला सहयोग

मगर, यह सीटें जम्मू से ही मिलती दिख रही हैं, क्योंकि अलगाववादियों की गतिविधियों के केंद्र में रही घाटी में भाजपा को फिर मतदाताओं का सहयोग नहीं मिला, जबकि नेकां-कांग्रेस गठबंधन को बढ़त के साथ यहीं लगभग 30 सीटें मिलने के आसार हैं। पीडीपी पांच से दस सीटों के भीतर सिमट सकती है। बड़ी संख्या में मैदान में उतरे निर्दलीय भी 10-12 सीटों के आसपास रह सकते हैं।