Indian Infrastructure: इस साल भी जारी रहेगा इंफ्रास्ट्रक्चर के जाल का विस्तार,10 सालों में इंफ्रा खर्च में 533 प्रतिशत की बढ़ोतरी
Indian Infrastructure पिछले 10 सालों में यानी वित्त वर्ष 2013-14 से लेकर 2023-24 के दौरान इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च होने वाले पूंजीगत व्यय में 533 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।वित्त मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक आगामी वित्त वर्ष 2024-25 के बजट आवंटन में भी इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के मद में पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी दिखेगी। कुछ सालों में ही भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
राजीव कुमार, नई दिल्ली। विकास के लिए मोदी सरकार का सबसे अधिक फोकस सड़क, हाईवे, रेल, अन्य लॉजिस्टिक व्यवस्था, बिजली, एयरपोर्ट, बंदरगाह जैसी इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं के विस्तार पर रहा है और यह आगे भी जारी रहेगा। वित्त वर्ष 2014-15 से लेकर चालू वित्त वर्ष 2023-24 के अपने कार्यकाल के दौरान मोदी सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं के विकास पर 43.9 लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं जबकि यूपीए के शासन काल वित्त वर्ष 2004-05 से लेकर वित्त वर्ष 2013-14 के दौरान इंफ्रास्ट्रक्चर पर 12.39 लाख करोड़ खर्च किए गए थे।
पिछले 10 सालों में यानी वित्त वर्ष 2013-14 से लेकर 2023-24 के दौरान इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च होने वाले पूंजीगत व्यय में 533 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।वित्त मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक आगामी वित्त वर्ष 2024-25 के बजट आवंटन में भी इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के मद में पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी दिखेगी। कुछ सालों में ही भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा, इसलिए वित्त वर्ष 2026-27 तक पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी रहेगा।
'देश अब तेज विकास के रास्ते पर चल निकला है'
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी (एनआईपीएफपी) के मुताबिक पूंजीगत व्यय के मद में खर्च होने वाला एक रुपया अर्थव्यवस्था को 4.8 रुपए तक बढ़ाता है जबकि राजस्व व्यय से सिर्फ 0.96 का गुणांक प्राप्त होता है। कोरोना काल में पूंजीगत व्यय पर होने वाले भारी-भरकम खर्च से ही देश की अर्थव्यवस्था को संकट से उबारने में मदद मिली और देश अब तेज विकास के रास्ते पर चल निकला है।'इंफ्रा निर्माण से मिलता है लोगों को रोजगार'
इंफ्रा निर्माण से लोगों को रोजगार मिलता है। रोजगार मिलने से वे खर्च करते हैं जिससे अन्य वस्तुओं की मांग निकलती है और फिर अन्य वस्तुओं का निर्माण होता है। तभी चालू वित्त वर्ष 2023-24 में कुल बजट आवंटन में 22.2 प्रतिशत हिस्सेदारी पूंजीगत व्यय की है। वित्त वर्ष 2018 के कुल बजट आवंटन में पूंजीगत व्यय की हिस्सेदारी सिर्फ 12.3 प्रतिशत की थी।
'इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास जरूरी'
वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2013-14 में पूंजीगत व्यय के मद में 1,87,675 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया था जो चालू वित्त वर्ष में बढ़कर 10,00,961 करोड़ तक पहुंच गया। मार्गेन स्टेनली का अनुमान है कि वर्ष 2031 तक भारत की जीडीपी बढ़ोतरी में पूंजीगत व्यय व मैन्यूफैक्चिरिंग का अहम योगदान रहेगा। मैन्यूफैक्चरिंग के लिए विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए भी इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास जरूरी है।इंफ्रा विकास में राज्यों को भी सरकार दे रही वित्तीय सहायता
सरकार का मानना है कि इंफ्रा के विकास से औद्योगिक उत्पादन में बढ़ोतरी के साथ जनता की जिंदगी को भी आसान बनाने में मदद मिलती है। इंफ्रा विकास में राज्यों को भी सरकार वित्तीय सहायता दे रही है। वित्त मंत्रालय राज्यों को मदद देने के लिए विशेष सहायता स्कीम चला रही है जिसके तहत 84,884 करोड़ रुपए के आवंटन की मंजूरी दी जा चुकी है और 29,000 करोड़ से अधिक का भुगतान किया जा चुका है।
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