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Public Examination Bill 2024: इन छात्रों पर लागू नहीं होगा 10 साल की जेल वाला कानून, जितेंद्र सिंह ने बताई पूरी बात

Public Examination Bill 2024 यह कानून राजस्थान में शिक्षक भर्ती परीक्षा हरियाणा में ग्रुप-डी पदों के लिए सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) गुजरात में कनिष्ठ क्लर्कों के लिए भर्ती परीक्षा और बिहार में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा जैसी कई प्रतियोगी परीक्षाओं को रद्द करने और प्रश्नपत्र लीक के बाद आया है। विधेयक का उद्देश्य सार्वजनिक परीक्षा प्रणालियों में अधिक पारदर्शिता निष्पक्षता और विश्वसनीयता लाना है।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Tue, 06 Feb 2024 05:53 PM (IST)
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केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि परीक्षाओं में गड़बड़ी रोकना सरकार की प्राथमिकता। (File Photo)

पीटीआई, नई दिल्ली। सरकारी भर्ती सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी रोकने के लिए केंद्र सरकार ने कड़ा फैसला लिया है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को इससे जुड़ा विधेयक 'द पब्लिक एक्जामिनेशंस (प्रिवेंशन आफ अनफेयर मीन्स) बिल, 2024' लोकसभा में पेश किया। जिसमें प्रावधान है कि यदि कोई परीक्षाओं में गड़बड़ी करता है तो उसे 10 वर्ष की सजा और एक करोड़ रुपये का जुर्माना देना होगा। इस फैसले के बाद कई छात्र नकल को लेकर भी असमंजस में थे, जिसपर मंगलवार को जितेंद्र सिंह ने स्तिथि को साफ करते हुए कहा कि छात्र और प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए प्रस्तावित कानून के दायरे में नहीं होंगे।

छात्र और प्रतियोगी परीक्षाओं वालों को राहत

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को लोकसभा में 'द पब्लिक एक्जामिनेशंस (प्रिवेंशन आफ अनफेयर मीन्स) बिल 2024 पर चर्चा के दौरान कहा कि छात्र और प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए प्रस्तावित कानून के दायरे में नहीं होंगे। केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि हमने छात्र या उम्मीदवार को इस कानून के दायरे में नहीं रखा है।

पेपर लीक से जुड़े होने पर मिलेगी पूरी सजा

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि परीक्षाओं से जुड़ी किसी भी तरह की गडबड़ी में शामिल होने वालों को अब सख्त सजा मिलेगी, जिसमें अधिकतम 10 वर्ष की सजा और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना शामिल है। वहीं, यदि पेपर लीक व नकल सहित परीक्षा से जुड़ी गड़बडि़यों में संस्थान या परीक्षा कराने वाली एजेंसी शामिल पाई जाती है तो उससे उस परीक्षा का पूरा खर्च वसूला जाएगा। साथ ही उसकी संपत्ति भी जब्त की जा सकती है।

पीएचडी में गड़बड़ियों को करीब से देखा

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त और उत्तर प्रदेश के बागपत से भाजपा सांसद सत्यपाल सिंह ने कहा कि जब वह मानव संसाधन विकास मंत्री थे तो उन्होंने पीएचडी में गड़बड़ियों को करीब से देखा था। लोग अपनी पीएचडी की थीसिस दूसरों से लिखवाते थे, जर्नल खुद उम्मीदवारों द्वारा नहीं लिखे जाते थे। हजारों शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान कागज पर होते थे और हमने ऐसे संस्थानों को बंद करने का काम किया। इस तरह के संस्थान की वजह से पीढ़ियां बर्बाद हो जाती हैं।

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