कफ सिरप क्वालिटी कंट्रोल नियम से निर्यात प्रभावित होने की आशंका, सर्टिफिकेट लेने के लिए करना पड़ेगा इंतजार
फार्मा निर्यातकों को आशंका है कि कफ सीरप की तरह फार्मा के अन्य उत्पादों के लिए भी क्वालिटी कंट्रोल के नियम लाए जा सकते हैं। पिछले एक-दो साल में भारतीय कफ सीरप की गुणवत्ता को लेकर कई देशों ने सवाल उठाए थे।
By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Wed, 07 Jun 2023 10:40 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। फार्मा एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल का कहना है कि कफ सीरप के निर्यात के लिए क्वालिटी कंट्रोल के नियम को लागू करने से फार्मा निर्यात प्रभावित हो सकता है। नए नियम के मुताबिक फार्मा कंपनियों को कफ सीरप के निर्यात से पहले उसे सरकारी लैब से क्वालिटी कंट्रोल का सर्टिफिकेट हासिल करना होगा।
फार्मा एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष ने बताया
अभी फार्मा कंपनियां खुद ही अपने लैब में सीरप की जांच कर उसका सत्यापन करती है और उसका निर्यात कर देती है। गत एक जून से नया नियम लागू हो गया है। 2000 से अधिक फार्मा कंपनियां कफ सीरप का निर्यात करती हैं।
फार्मा एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष दिनेश दुआ ने बताया कि सरकारी लैब से सर्टिफिकेट प्राप्त करने में कई महीने लगेंगे और तब तक निर्यातकों को इंतजार करना पड़ेगा। अगर कोई कमी पाई गई तो उसे दूर करने व फिर से सर्टिफिकेट लेने में और वक्त लगेगा जिससे निर्यातक ऑर्डर की डिलिवरी तय समय पर नहीं कर पाएंगे।
किस बात की है फार्मा निर्यातकों को आशंका?
दिनेश दुआ ने बताया कि फार्मा का निर्यात बढ़ रहा है और गत अप्रैल माह में वस्तुओं के कुल निर्यात में 12 फीसद की गिरावट के बावजूद फार्मा के निर्यात में बढ़ोतरी दर्ज की गई। फार्मा निर्यातकों को आशंका है कि कफ सीरप की तरह फार्मा के अन्य उत्पादों के लिए भी क्वालिटी कंट्रोल के नियम लाए जा सकते हैं। पिछले एक-दो साल में भारतीय कफ सीरप की गुणवत्ता को लेकर कई देशों ने सवाल उठाए थे।