कनाडाई आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से भारत और कनाडा के बीच रिश्ते तल्ख है। कनाडा के सरे में हरदीप सिंह निज्जर की अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। मगर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस हत्या का आरोप भारत पर लगाया। इसके बाद से ही दोनों देशों के रिश्ते बिगड़े हैं। अब विदेश मंत्री जयशंकर ने कनाडा की पोल खोल दी है।
एएनआई, नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडा के साथ भारत के बढ़ते तनाव को लेकर साफ किया कि कनाडा दोहरा चरित्र अपनाता है। उन्होंने कहा कि कनाडा को तब कोई दिक्कत नहीं होती है जब उनके राजनयिक भारत में हमारी सेना और पुलिस की जानकारी इकट्ठा करते है। वहीं, हमारे राजनयिकों पर पाबंदी लगा दी जाती है।
यह कनाडा का दोहरा रवैया नहीं है तो क्या है? साथ ही उन्होंने कहा कि दुनिया के समीकरण अब बदल रहे हैं। विश्व में शक्ति संतुलन बदल रहा है। ऐसे में पश्चिम के देश इसे पचा नहीं पा रहे। हालांकि, सभी पश्चिम देश एक जैसे नहीं हैं।
क्यों वापस बुलाए राजनयिक?
एक टीवी चैनल के कार्यक्रम के दौरान जयशंकर ने बताया कि भारत ने आखिर कनाडा से अपने राजनयिक वापस क्यों बुलाए? उन्होंने कनाडा को लेकर इतिहास का हवाला भी दिया। कहा- '1980 में कनाडा से उड़ान भरने वाले एअर इंडिया के प्लेन को क्रैश कर दिया गया था। इसके बाद कूटनीतिक संबंध एक अलग दिशा में चले गए थे। कनाडाई आतंकी निज्जर हत्याकांड के मामले में कनाडा ने हमसे अपने उच्चायुक्त को पुलिस जांच के अधीन करने के लिए कहा।
बढ़ता प्रभाव सहन नहीं कर पा रहे पश्चिम देश
हमारी सरकार ने उसकी बातों को खारिज कर दिया और इसके बाद हमने अपने उच्चायुक्त समेत छह राजनयिक वापस बुला लिए।'विदेश मंत्री ने कहा कि आज भारत और चीन जैसे बड़े देश दृष्टिकोण और रुख के साथ अपनी बात प्रमुखता से रख रहे हैं। इसलिए उनके और पश्चिम के बीच टकराव हो रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि पश्चिमी देश इनका बढ़ता प्रभाव सहन नहीं कर पा रहे। हालांकि यह बात सभी पश्चिमी देशों पर लागू नहीं होती। जयशंकर ने कहा कि वे जब भी अमेरिका या यूरोप जाते हैं तो वे देश कहते हैं कि भारत के साथ काम करने का महत्व है, लेकिन ये बातें कनाडा में सुनने को नहीं मिलती।
जस्टिन ट्रूडो ने लगाया झूठा आरोप
कनाडाई आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भारत और कनाडा के रिश्ते एकदम बिगड़ गए। दरअसल, कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या में सीधे तौर पर भारत के शामिल होने का आरोप लगाया। हालांकि कनाडा की सरकार अभी तक भारत को कोई ठोस सुबूत नहीं सौंप सकी है। फर्जी आरोपों के बाद भारत ने कनाडा से अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया और कनाडा के राजनयिकों को देश से निकाल दिया।
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