Move to Jagran APP

'आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करें', केजरीवाल टिप्पणी मामले में विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी राजनयिक को किया तलब

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिका द्वारा प्रतिक्रिया दिए जाने के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होंने US की कार्यवाहक मिशन उपप्रमुख ग्लोरिया बेर्बेना को तलब करते हुए भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने को कहा है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि कूटनीति में राज्यों से अपेक्षा की जाती है कि वे दूसरों की संप्रभुता और आंतरिक मामलों का सम्मान करें।

By Agency Edited By: Mohd Faisal Updated: Wed, 27 Mar 2024 01:48 PM (IST)
Hero Image
विदेश मंत्रालय ने US की कार्यवाहक मिशन उपप्रमुख को किया तलब, 40 मिनट तक चली मुलाकात (फोटो एएनआई)
एएनआई, नई दिल्ली। US remarks on Delhi CM Arvind Kejriwal: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर टिप्पणी मामले को लेकर विदेश मंत्रालय ने अमेरिका की कार्यवाहक मिशन उपप्रमुख ग्लोरिया बेर्बेना को तलब किया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, ग्लोरिया बेर्बेना की करीब 40 मिनट तक विदेश मंत्रालय में  मुलाकात चली।

विदेश मंत्रालय ने ग्लोरिया बेर्बेना को किया तलब

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिका द्वारा की गई टिप्पणी के बाद अमेरिकी दूतावास में कार्यवाहक मिशन उपप्रमुख ग्लोरिया बेर्बेना को तलब किया गया है।

भारत ने अमेरिका के बयान पर जताई आपत्ति

भारत ने अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम भारत में कुछ कानूनी कार्यवाही के बारे में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हैं। कूटनीति में राज्यों से अपेक्षा की जाती है कि वे दूसरों की संप्रभुता और आंतरिक मामलों का सम्मान करें।

विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान

बयान में आगे कहा गया कि लोकतंत्र के मामले में यह जिम्मेदारी और भी अधिक है। अन्यथा यह अस्वस्थ मिसाल कायम कर सकता है। भारत की कानूनी प्रक्रियाएं एक स्वतंत्र न्यायपालिका पर आधारित हैं, जो उद्देश्यपूर्ण और समय पर परिणामों के लिए प्रतिबद्ध है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस पर आपत्ति करना सही नहीं है।

अमेरिका से पहले जर्मनी ने दिया था बयान

बता दें कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिका से पहले जर्मनी ने भी बयान दिया था। जर्मन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है। हमें उम्मीद है कि न्यायापालिका की स्वतंत्रता और बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांत से संबंधित मानकों को इस मामले में लागू किया जाएगा। जर्मनी के इस बयान के बाद भारत ने आपत्ति दर्ज कराई थी और जर्मन दूतावास के उप प्रमुख को तलब किया था।

यह भी पढ़ें- Excise Policy Case: केजरीवाल ने कोर्ट में कहा- गिरफ्तारी का आधार बेकार, मुझसे छीना गया स्वतंत्रता का अधिकार; पढ़ें दलीलें

यह भी पढ़ें- 'इस बात से अरविंद जी बहुत नाराज हैं...', पत्नी सुनीता ने पढ़ा दिल्ली सीएम का संदेश