'काम के बोझ में मर गई मेरी बेटी', दिग्गज कंपनी के मालिक को मां ने लिखा पत्र; बोलीं- सांस लेने का भी मौका नहीं मिलता था
EY employee dies पुणे में एक अकाउंटिंग कंपनी में काम करने वाली 26 साल की कर्मचारी की मौत हो गई। मृत लड़की की मां ने अब कंपनी को लिखे एक पत्र में कहा कि उनकी बेटी की मौत काम के ज्यादा बोझ के चलते हुई। मां ने ये भी लिखते हुए दुख जताया कि कंपनी से जुड़ा एक भी शख्स उनकी बेटी के अंतिम संस्कार तक में नहीं पहुंचा।
डिजिटल डेस्क, पुणे। EY employee dies महाराष्ट्र के पुणे से एक हैरान कर देना वाला मामला सामने आया है। यहां एक बड़ी अकाउंटिंग कंपनी में काम करने वाली 26 साल की कर्मचारी की मौत हो गई। मृत लड़की की मां ने अब कंपनी को लिखे एक पत्र में कहा कि उनकी बेटी की मौत काम के ज्यादा बोझ के चलते हुई।
मां ने ये भी लिखते हुए दुख जताया कि कंपनी से जुड़ा एक भी शख्स उनकी बेटी के अंतिम संस्कार तक में नहीं पहुंचा।
मां ने लिखा कंपनी के मालिक को ई-मेल
दरअसल, केरल की रहने वाली युवा चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) अन्ना सेबेस्टियन पेरायिल चार महीने पहले मार्च में ही दिग्गज कंपनी Ernst & Young (EY) में लगी थीं और तभी से वो अपने घर पर काम के तनाव का जिक्र करती थी। अब पेरायिल की मां अनीता ऑगस्टीन ने EY इंडिया के अध्यक्ष राजीव मेमानी को एक ईमेल लिखा है।हमेशा रही टॉप...बहुत परिश्रम किया
- मां ने बताया कि पेरायिल ने 2023 में अपनी CA की परीक्षा पास की और मार्च 2024 में एक कर्मचारी के रूप में EY पुणे में शामिल हुईं। वो हमेशा कॉलेज में भी टॉप करती थी।
- उन्होंने बताया कि ये उनकी पहली नौकरी थी और इस वजह से उसने कंपनी की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए अथक परिश्रम किया, लेकिन इस प्रयास ने उसके शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर भारी असर डाला।
काम का इतना तनाव कि नींद भी उड़ गई
अनीता ऑगस्टीन ने आगे बताया कि जॉइन करने के तुरंत बाद उसे चिंता, नींद न आना और तनाव का अनुभव होने लगा, लेकिन वो डटी रही और कड़ी मेहनत और दृढ़ता से काम करती रही। पत्र में उन्होंने ज्यादा काम करवाने के लिए फर्म की निंदा की।
बॉस ने दी थी चेतावनी
पीड़िता की मां ने ये भी दावा किया गया कि कई कई कर्मचारियों ने ज्यादा काम के बोझ के चलते इस्तीफा दे दिया था, इसलिए उनकी बेटी के बॉस ने उसे कहा था कि वो ऐसा न करे और टीम में हर किसी की राय बदलनी चाहिए।अन्ना का मैनेजर अक्सर क्रिकेट मैचों के दौरान मीटिंग्स को फिर से शेड्यूल करता था और दिन के अंत में उन्हें काम सौंपता था, जिससे उनका तनाव बढ़ जाता था।
मैनेजर बेरहम था, सांस लेने का भी मौका नहीं देता
- उन्होंने यह भी कहा कि उनकी बेटी देर रात तक और यहां तक कि सप्ताहांत पर भी काम करती थी। मां ने बताया कि अन्ना ने हमें बताया कि उसे बहुत ज्यादा काम का बोझ है, खासकर आधिकारिक काम से परे मौखिक रूप से दिए गए काम के चलते।
- मां ने कहा कि उन्होंने बेटी को काम न करने के लिए कहा था, लेकिन मैनेजर बेरहम था। वह देर रात तक काम करती थी, यहां तक कि सप्ताहांत पर भी, उसे सांस लेने का भी मौका नहीं मिलता था।