Fake News: अनुराग ठाकुर बोले, फेक न्यूज है समाज और देश के विकास में सबसे बड़ी बाधा
सूचना व प्रसारण मंत्री ने कहा डिजिटल मीडिया से सूचनाएं लोगों की पहुंच में आने लगी हैं। वहीं ठाकुर ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान अखबारों की बिक्री में आई कमी के बरक्स डिजिटल मीडिया का प्रसार बढ़ा है।
By Deepak YadavEdited By: Updated: Mon, 04 Jul 2022 08:00 PM (IST)
कोझिकोड, प्रेट्र। केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मीडिया का परिदृश्य पिछले कुछ सालों में बदल गया है और डिजिटल मीडिया के उदय से सूचनाएं लोगों की पहुंच में हैं। लेकिन इसके साथ ही बहुत सारी झूठी जानकारियों को हानिकारक तरीके से फैलाया जा रहा है। यह न केवल भारत, बल्कि विश्व स्तर पर महसूस किया गया और गलत सूचना के कारण कई लोगों की जान चली गई।
संघ के 'जन्मभूमि दैनिक' के कोझिकोड संस्करण को जारी करते हुए केंद्रीय मंत्री ने गलत खबरों के प्रसार और परंपरागत माध्यम के लिए प्रतिस्पर्धा से संबंधित चुनौतियों के प्रति भी आगाह किया। उन्होंने कहा, 'कोविड-19 महामारी एक तरह से महामारी से अधिक 'इंफोडेमिक' बन गया। कोविड काल में प्रचलन में आए शब्द इंफोडेमिक का अर्थ है सही-गलत सूचनाओं का एक साथ बहुत तेजी से प्रसार। उन्होंने कहा कि न केवल भारत, बल्कि विश्व स्तर पर 'इंफोडेमिक' की यह समस्या पैदा हुई। इस गलत सूचना के कारण कई लोगों की जान चली गई।
'ठाकुर ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान अखबारों की बिक्री में कमी आई। मीडिया हाउस ने इस अवधि को खुद को डिजिटल करने के अवसर के रूप में देखा। उन्होंने कहा, 'पिछले कुछ महीनों के दौरान विभिन्न मीडिया हाउस से बातचीत के दौरान मैंने महसूस किया कि डिजिटल ग्राहकों की असल संख्या बहुत अधिक है। ठाकुर ने कहा कि, डिजिटल के पाठकों और दर्शकों की संख्या बढ़कर बहुत अधिक हो गई।' पिछले सप्ताह उर्दू अखबारों के संपादकों के साथ अपनी बातचीत का जिक्र करते हुए ठाकुर ने बताया कि डिजिटल पाठकों की संख्या मुद्रित प्रतियों की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक हो गई है।
वैश्विक स्तर पर बढ़ते डिजिटलीकरण के चलते जहां दुनिया एक गांव के समान हो गई है। वहीं, भारतीय सूचना मंत्रालय की चिंता वाजिब है कि डिजिटल मीडिया के साथ फेक न्यूज का चलन भी खूब बढ़ा है। फेक न्यूज किसी भी समाज देश के लिए ठीक नहीं है।