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भारत में ही नहीं यूरोप के कई देशों में भी सड़कों पर उतरे किसान, फ़्रांस से लेकर स्पेन तक के अन्नदाता की आखिर क्या है मांग?

Farmer Protest in Europe भारत में जहां किसान एक बार फिर एमएसपी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन सिर्फ भारत ही ऐसा देश नहीं है नहीं जहां किसान सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। यूरोप के कई देशों के किसान भी ट्रैक्टर लेकर सड़कों पर उतरे हुए हैं। सभी देशों के किसानों के प्रदर्शन के पीछे अलग-अलग कारण है।

By Jagran News Edited By: Babli Kumari Updated: Thu, 29 Feb 2024 09:48 AM (IST)
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यूरोप के कई देशों में किसान सड़कों पर उतरे (फोटो- एपी)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Farmer Protest in Europe: जहां नई दिल्ली में सड़कों पर किसान धरना दे रखे हैं वहीं पूरे यूरोप में भी किसान ट्रैक्टर लेकर सड़कों पर हैं। स्पेन, फ़्रांस और इटली समेत कई यूरोपीय देश के किसान पूरे यूरोप में ट्रैक्टर लेकर सड़कों को जाम कर रहे हैं। यूरोप में किसान बढ़ती लागत, सस्ते आयात और घटती आय की शिकायत कर रहे हैं। स्पेन में जहां रिकॉर्ड तोड़ सूखे की हालात बनी हुई हैं वहीं इस बीच 1 फरवरी को विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ है। हालांकि स्पेन के कृषि मंत्री ने किसान संघों से मुलाकात की, लेकिन प्रदर्शनकारी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। पिछले कई सप्ताह में यूरोप के अलग-अलग देशों में प्रदर्शन देखा गया। फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, इटली और ग्रीस में प्रदर्शन देखा गया है। 

आखिर क्या है इस प्रदर्शन के पीछे का कारण 

यूक्रेन युद्ध: रूस के आक्रमण के बाद, यूक्रेन की कृषि उपज पोलैंड, हंगरी, रोमानिया और स्लोवाकिया जैसे पड़ोसी देशों के माध्यम से मध्य पूर्व, अफ्रीका और एशिया में पहुंच रही है। यूक्रेनी अनाज का कुछ हिस्सा इन देशों के स्थानीय बाजारों में पहुंचा, जिससे घरेलू उपज की कीमतें कम हो गईं।

जलवायु परिवर्तन: पानी की कमी से लेकर जंगल की आग और बाढ़ तक, यूरोप में किसान हाल के वर्षों में चरम मौसम की स्थिति से प्रभावित हुए हैं। इन परेशानियों के लिए जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। स्पेन, इटली और पुर्तगाल जैसे दक्षिणी यूरोपीय देशों में लगातार सूखे ने कृषि को प्रभावित किया है जबकि फ्रांस और जर्मनी में बाढ़ की वजह से किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

हरित नीतियां: यूरोपीय संघ ने जुलाई 2023 में ग्रीन डील के हिस्से के रूप में अपनी कृषि नीति में सुधार किया। ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए सख्त नियम लाए गए, जिसने किसानों को अधिक टिकाऊ, लेकिन महंगी किसानी तरीकों से फसल की उत्पत्ति की ओर प्रेरित किया है। विरोध के जवाब में, यूरोपीय आयोग ने कीटनाशकों को प्रतिबंधित करने के प्रस्ताव को वापस ले लिया और 2040 तक कार्बन उत्सर्जन को 90% तक कम करने के आह्वान में कृषि क्षेत्र में ढील दी।

कहां-कहां हो रहे हैं विरोध प्रदर्शन?

फ़्रांस: फ़्रांस में जनवरी के मध्य में विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे क्योंकि किसानों ने राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन की कृषि नीतियों को मानने से इनकार कर दिया था। फ्रांसीसी किसान बेहतर वेतन, कम नौकरशाही और विदेशी प्रतिस्पर्धा के खिलाफ उपाय की मांग सरकार से कर रहे हैं। फ्रांसीसी सरकार द्वारा कृषि डीजल पर सब्सिडी को धीरे-धीरे कम करने की योजना जनवरी के अंत में छोड़ने के बावजूद विरोध अभी भी जारी है।

बेल्जियम: बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में किसान सड़कों पर उतरे और शहर की कई सड़कों को जाम कर दिया। ब्रुसेल्स यूरोपीय संघ की राजधानी है और सदस्य देशों के किसानों द्वारा अपनी मांगों को लेकर बेल्जियम शहर में एकत्र होने के साथ कई विरोध प्रदर्शनों का गवाह रहा है। बेल्जियम के किसान भी नए जलवायु नियमों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। 

स्पेन: स्पेन में रिकॉर्ड तोड़ सूखे के बीच 1 फरवरी से किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि स्पेन के कृषि मंत्री ने किसान संघों से मुलाकात की, लेकिन प्रदर्शनकारी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। सरकार ने 140,000 किसानों के लिए 290 मिलियन डॉलर की सहायता की घोषणा की है। यूक्रेन से सस्ते आयात के अलावा किसान मोरक्को से टमाटर के आयात से भी नाखुश हैं। एक महत्वपूर्ण मुद्दा यह भी है कि सरकार ने पिछले साल दक्षिणपूर्वी स्पेन में सिंचाई के लिए टैगस से पानी में कटौती कर दी थी, जिससे इस क्षेत्र में कृषि खत्म हो सकती थी। कृषि समूहों ने कहा कि इससे 12,200 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि को छोड़ दिया जाएगा और 15,000 नौकरियों का नुकसान होगा।