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Farmers Protest: किसान आंदोलन कार्रवाई पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरा, पीएम सीधे किसानों से बात कर उन्हें न्याय दें

अपनी मांगों को लेकर राजधानी दिल्ली कूच कर रहे किसानों को रोकने के लिए पुलिस बलों की प्रतिरोधी कार्रवाई को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर तीखा सियासी हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा का 10 साल का शासन किसानों के खिलाफ क्रूरता और दमनकाल के रूप में याद किया जाएगा। किसानों के ताजा आंदोलन के पहले दिन कांग्रेस ने इसे अपना खुला समर्थन दिया।

By Jagran News Edited By: Abhinav AtreyUpdated: Tue, 13 Feb 2024 08:07 PM (IST)
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किसान आंदोलन कार्रवाई पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरा। (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अपनी मांगों को लेकर राजधानी दिल्ली कूच कर रहे किसानों को रोकने के लिए पुलिस बलों की प्रतिरोधी कार्रवाई को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर तीखा सियासी हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा का 10 साल का शासन किसानों के खिलाफ क्रूरता और दमनकाल के रूप में याद किया जाएगा।

किसानों के ताजा आंदोलन के पहले दिन कांग्रेस ने इसे अपना खुला समर्थन देते हुए केंद्र की सत्ता में आने पर एमएसपी को कानूनी गारंटी बनाने का वादा भी कर दिया। साथ ही किसानों के खिलाफ बल प्रयोग करने और हिंसक कार्रवाई को लेकर आगाह करते हुए पार्टी ने मांग कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद अपने स्तर पर किसानों की मांगों को लेकर उनसे बातचीत कर उनके साथ न्याय करें।

कांग्रेस का भाजपा सरकारों पर हमला

कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पार्टी मुख्यालय में विशेष प्रेस कांफ्रेंस कर केंद्र के साथ हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की भाजपा सरकारों पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्यों की भाजपा सरकारों ने देश की राजधानी को एक पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया है जैसे कि किसी दुश्मन ने दिल्ली की सत्ता पर हमला बोल दिया हो।

अंग्रेजों के दौर में किसानों के शोषण की याद दिला रही सरकार

सुरजेवाला ने कहा कि किसानों के न्याय की हुंकार से डरी मोदी सरकार जिस तरह अन्नदाताअें के साथ सलूक कर रही है वह अंग्रेजों के दौर में किसानों के शोषण की याद दिला रही है। कांग्रेस के किसानों के आंदोलन का समर्थन करने की घोषणा करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि किसान पीएम और सरकार से क्या न्याय नहीं मांग सकते, फिर कहां जाएं।

किसानों की राह में कीलें-कंटीली तारें क्यों बिछाई गईं?

उन्होंने कहा कि जब किसान आंदोलन पूरी तरह शांतिप्रिय है तो फिर किसान की राह में कीलें और कंटीली तारें क्यों बिछाई गई हैं? कांग्रेस नेता ने जुलाई, 2022 में तीन काले कानून वापस लेने के बाद मोदी सरकार ने किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानून बनाने का वादा किया था। साथ ही देश के 72 करोड़ किसान और खेत मजदूरों को कर्ज मुक्ति से राहत दिलाने का रास्ता निकालने की बात कही थी तो किसान मोदी सरकार से इन वादों की गारंटी क्यों न मांगे।

किसानों का आंदोलन जारी रहने का संदेश देते हुए सुरजेवाला ने कहा कि यह तो किसानों की लड़ाई का आगाज है और अभी सिर्फ पंजाब-हरियाणा के किसान न्याय मांगने आए हैं। जल्द ही देश भर के किसान अपने हक की आवाज बुलंद करने के लिए दिल्ली पहुंचेगे।

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