Kolkata Doctor Case: 'हमारी मांगें अधूरी हैं,' स्वास्थ्य सुरक्षा पर डॉक्टरों ने उठाए सवाल; कहा- वापस नहीं होगी हड़ताल
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले डॉक्टर अपनी हड़ताल खत्म करने को तैयार नहीं है। डॉक्टरों का कहना है कि केंद्रीय स्वास्थ्य देखभाल संरक्षण अधिनियम पर कोई आश्वासन नहीं मिला है कोई कॉल-ऑफ नहीं। हमारी मांगें अभी भी अधूरी हैं। उन्होंने कहा जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती वो अपनी हड़ताल जारी रखेंंगे।
एएनआई, नई दिल्ली। कोलकाता में महिला डॉक्टर से रेप के बाद हत्या के मामले को लेकर बवाल जारी है। इसके मद्देनजर कन्नौज में रेजिडेंट डॉक्टरों के संगठन फेडरेशन ऑफ आल इंडिया रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने देशव्यापी हड़ताल का एलान किया था। जिसको लेकर कन्नौज के राजकीय मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। अब फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन का इसको लेकर बयान सामने आया है।
उन्होंने कहा, केंद्रीय स्वास्थ्य देखभाल संरक्षण अधिनियम पर कोई आश्वासन नहीं मिला, कोई कॉल-ऑफ नहीं। हमारी मांगें अभी भी अधूरी हैं। जब तक उनकी बात पूरी तरह से मान नहीं ली जाती, हम हड़ताल जारी रखेंगे। उनका ये बयान स्वास्थ्य मंत्रायल की तरफ से केंद्र सरकार की एडवाइजरी जारी करने के बाद आया है।
No assurance on the Central Healthcare Protection Act- No call-off. Our demands still stand incomplete. We will continue with the strike until they’re accepted fully: Federation of Resident Doctors’ Association pic.twitter.com/BrPXM8SIDb
— ANI (@ANI) August 13, 2024
केंद्र सरकार ने जारी की थी एडवाइजरी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के निर्देशों के अनुसार, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने सुरक्षित कार्यस्थल वातावरण सुनिश्चित करने के लिए सभी मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों के लिए एक सलाह जारी की है। एडवाइजरी में डॉक्टरों की सुरक्षा, पुलिस एफआईआर, हिंसा की तुरंत जांच से लेकर एनएमसी को घटना की रिपोर्ट भेजने की बात कही गई है।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने दिए सीबीआई जांच के आदेश
वहीं कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आज इस मामले की सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पुलिस को निर्देश दिया कि महिला चिकित्सक की हत्या से संबंधित सभी दस्तावेज बुधवार सुबह 10 बजे तक सीबीआई को सौंपे जाएं। साथ ही मेडिकल कॉलेज में हिंसा की तुरंत जांच के लिए साथ ही पुलिस एफआईआर की भी बात कही गई है।