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देश में प्रजनन दर 2.2 से घटकर 2.0 हुई, उत्तर प्रदेश और बिहार समेत पांच राज्यों में प्रजनन दर राष्ट्रीय औसत से अधिक

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) के पांचवें दौर की रिपोर्ट के मुताबिक देश में आबादी बढ़ने की रफ्तार धीमी हुई है। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक देश में कुल प्रजनन दर 2.2 से घटकर 2.0 हो गई है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Sat, 07 May 2022 07:20 AM (IST)
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देश में आबादी बढ़ने की रफ्तार धीमी हुई है। (File Photo)
नई दिल्ली, एएनआइ। देश में आबादी बढ़ने की रफ्तार धीमी हुई है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) के पांचवें दौर की रिपोर्ट के मुताबिक देश में कुल प्रजनन दर 2.2 से घटकर 2.0 हो गई है। यह जनसंख्या नियंत्रण उपायों की अहम प्रगति को दर्शाता है। कुल प्रजनन दर (टीएफआर) जिसे प्रति महिला बच्चों की औसत संख्या के रूप में मापा जाता है, राष्ट्रीय स्तर पर एनएफएचएस-4 और 5 के बीच 2.2 से घटकर 2.0 हो गई है। सिर्फ पांच राज्य ऐसे हैं जहां प्रजनन दर राष्ट्रीय औसत से अधिक हैं। ये राज्य हैं-बिहार (2.98), मेघालय (2.91), उत्तर प्रदेश (2.35), झारखंड (2.26) और मणिपुर (2.17)।

28 राज्यों में सर्वे

इसमें देश के 28 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों के 707 जिलों (मार्च 2017 तक) के लगभग 6.37 लाख सैंपल परिवारों से लिए गए। इसमें 7,24,115 महिलाओं और 1,01,839 पुरुषों को शामिल किया गया।

गर्भनिरोधकों का इस्तेमाल बढ़ा

रिपोर्ट के मुताबिक देश में समग्र गर्भनिरोधक प्रसार दर (सीपीआर) में अच्छी खासी वृद्धि हुई है और यह 54 प्रतिशत से बढ़कर 67 प्रतिशत हो गई है। आधिकारिक बयान के मुताबिक लगभग सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में गर्भनिरोधकों के आधुनिक तरीकों का इस्तेमाल बढ़ा है। परिवार नियोजन की अधूरी जरूरतों में महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई है और यह 13 प्रतिशत से नौ प्रतिशत पर आ गई है।

संस्थागत जन्म 79 प्रतिशत से बढ़कर 89 प्रतिशत हुआ

एनएचएफएस-5 के मुताबिक देश में संस्थागत जन्म 79 प्रतिशत से बढ़कर 89 प्रतिशत हो गया है। यहां तक ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगभग 87 प्रतिशत जन्म स्वास्थ्य सुविधाओं में हुए हैं, शहरों में यह आंकड़ा 94 प्रतिशत है।

25 प्रतिशत महिलाओं, 15 प्रतिशत पुरुषों की शादी उम्र से पहले

सर्वेक्षण के मुताबिक देश में 18-29 आयुवर्ग की 25 प्रतिशत महिलाओं और 21-29 आयुवर्ग के 15 प्रतिशत पुरुषों की शादी कानूनी उम्र से पहले हो जाती है। शादी के लिए महिलाओं की कानूनी उम्र 18 साल और पुरुषों की 21 साल है। हालांकि, सरकार अब दोनों उम्र को ही एक समान 21 वर्ष करने की तैयारी कर रही है।

बंगाल में कम उम्र में सबसे ज्यादा महिलाओं की शादी

बंगाल में शादी की कानूनी उम्र तक पहुंचने से पहले 42 प्रतिशत महिलाओं की शादी हो जाती है। बिहार में यह आंकड़ा 40 प्रतिशत, त्रिपुरा में 39, झारखंड में 35 और आंध्र प्रदेश में 33 प्रतिशत है।

22 प्रतिशत पुरुषों की तुलना में सिर्फ एक प्रतिशत महिलाएं पीती हैं शराब

रिपोर्ट के मुताबिक देश में 15 से 49 आयुवर्ग के 22 प्रतिशत पुरुषों की तुलना में सिर्फ एक प्रतिशत महिलाएं शराब का सेवन करती हैं। वहीं, 39 प्रतिशत पुरुष और चार प्रतिशत महिलाएं किन न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करती हैं। शराब का सेवन करने वाली महिलाओं में से 17 प्रतिशत प्रतिदिन शराब पीती हैं, जबकि 37 प्रतिशत हफ्ते में एक बार। शराब का सेवन करने वाले पुरुषों में 15 प्रतिशत रोज पीते हैं, 43 प्रतिशत हफ्ते में एक बार और 42 प्रतिशत सप्ताह में एक बार से भी कम इसका सेवन करते हैं।