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Fastest Fighter Jets: दुनिया में सबसे तेज गति से उड़ते हैं ये फाइटर जेट, पलक झपकते कर देते हैं दुश्मनों को खाक

पूरी दुनिया में आज के समय ऐसी कोई भी सेना नहीं है जिनके पास लड़ाकू विमान नहीं है। किसी भी युद्ध को जीतने के लिए सैनिक और उसके हथियारों की तालमेल सबसे जरूरी होती है यही कारण है कि आज के समय विश्व के अधिकतर देश अपनी सेना को आधुनिक बनाने के साथ-साथ अपने हथियारों को भी अत्याधुनिक बनाने पर जोर दे रहे हैं।

By Sonu GuptaEdited By: Sonu GuptaUpdated: Fri, 18 Aug 2023 12:07 AM (IST)
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दुनिया का दूसरा सबसे तेज फाइटर विमान है मिग-31। फोटोः रायटर।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। किसी भी युद्ध को जीतने के लिए सैनिक और उसके हथियारों की तालमेल सबसे जरूरी होती है, यही कारण है कि आज के समय विश्व के अधिकतर देश अपनी सेना को आधुनिक बनाने के साथ-साथ अपने हथियारों को भी अत्याधुनिक बनाने पर जोर दे रहे हैं। युद्ध में हथियार और सैनिकों के बीच तालमेल ही युद्ध की दशा और दिशा को बदलती है। हालांकि, पूरी दुनिया में आज के समय ऐसी कोई भी सेना नहीं है, जिनके पास लड़ाकू विमान नहीं है।

पूराने हथियार को अपग्रेड कर रहे कई देश

दुनिया के कई देश अपने पुराने हथियारों को नए हथियारों के साथ अपग्रेड कर अपनी सेना में शामिल कर रहे हैं, इसके लिए वह या तो खुद से इसको बना रहे हैं या फिर अपनी सेना को मजबूत करने के लिए अन्य देशों से ऐसे आधुनिक हथियारों की खरीद कर रहे हैं। अमेरिका, फ्रांस और रूस ऐसे कई देश हैं जो अपने देश की सेना को मजबूत करने के लिए नए-नए हथियार बना रहे हैं, जिसमें लड़ाकू विमान भी शामिल हैं।

भारत कई देशों से खरीदता है हथियार

वहीं, भारत की बात की जाए तो वह भी इन देशों से पीछे नहीं है। भारत अमेरिका, फ्रांस और रूस समेत कई देशों से रक्षा सौदा करता है, जिसमें वह लड़ाकू विमानों के साथ-साथ कई उपकरणों की खरीद करता है। वहीं, भारत कुछ हथियारों को देश में भी निर्मित करता है। भारत ने हाल ही में करीब 59,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल लड़ाकू विमान को फ्रांस से खरीदा है।

युद्ध में लड़ाकू विमानों की होती है अहम भूमिका

किसी भी युद्ध में सबसे निर्णायक भूमिका सेना के बाद लड़ाकू विमानों की होता है। वह अपने स्पीड़ और अचूक निशाना से दुश्मनों के छक्के छुड़ा देते हैं। विश्व में ऐसे कई देश हैं, जिनके पास ऐसे लड़ाकू विमान हैं, जो युद्ध की निर्णय को पल भर में पलटने में सक्षम हैं। आज हम पांच ऐसे ही विमानों के बारे में बताएंगे, जो युद्ध के मैदान में दुश्मनों को पलक झपकते ही खाक करने में सक्षम हैं।

1. सबसे तेज फाइटर विमानः YF-12

अमेरिकी फाइटर जेट YF-12 को अमेरिका ने 1950 के दशक के अंत में बनाना शुरू किया। हालांकि, 29 फरवरी, 1964 को राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने इस विमाने को पूरी तरह से तैयार होने की पुष्टि की। राष्ट्रपति द्वारा इसके अस्तित्व की घोषणा के बाद भी इसके उड़ान स्पीड़ की डेटा को सार्वजनिक नहीं की गई, लेकिन बाद में 1 मई, 1965 को वायु सेना के उड़ान परीक्षणों में इसने 80,257.65 फीट की ऊंचाई पर 2,070.101 मील प्रति घंटे यानी 3,330 किलोमीटर प्रति घंटे की गति प्राप्त की। YF-12 विमान के पंखों का फैलाव करीब 55 फीट 6 इंच का है, जबकि इसकी लंबाई करीब  101 फीट 8 इंच है। यह विमान लगभग 18 फीट 4 इंच ऊंचा है। विमान का अधिकतम भार 127,000 पाउंड है।

2. मिग-25 और मिग-31

मिग-25 और मिग-31 दुनिया का दूसरा सबसे तेज फाइटर विमान है, जिसको रूस ने अमेरिकी विमान YF-12 को रोकने के लिए बनाया था। हालांकि, उस समय के सोवियत संघ के सभी प्रयासों के बावजूद इसकी गति 1,852 मील प्रति घंटे या 3,000 किमी/घंटे की की ही थी। हालांकि, बाद में रूस ने इसके उत्तराधिकारी के रूप में मिग-31 को बनाया, जिसकी गति करीब मिग-25 के ही समान है, लेकिन इस दो सीटों वाले विमान में रडार सिस्टम काफी बेहतर है। 1980 के दशक से ही रूसी सेना में यह विमान अपनी सेवा दे रहा है।  

इस विमान में एक पायलट के साथ एक हथियार सिस्टम अधिकारी बैठ सकते हैं। विमान की लंबाई 74 फीट 3 इंच और ऊंचाई 21 फीट 2 इंच का है। विमान का अधिकतम भार  41,000 किलोग्राम यानी 90,400 पाउंड का है।

3. F-15 ईगल विमान

अमेरिका द्वारा निर्मित F-15 ईगल विमान दुनिया के तीसरे सबसे तेज गति से उड़ान भरने वाला विमान है, जिसको अमेरिका ने रूस के मिग-25 और मिग-31 से मुकाबला करने के लिए बनाया था। अमेरिकी सेना इस विमान को 40 से अधिक सालों को इस्तेमाल कर रही है। हालांकि, इस विमान को अमेरिका के अलावा दक्षिण कोरिया, इजरायल और जापान की सेनाओं के द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है। मालूम हो कि पूरी दुनिया में कई जगहों पर लड़ाई के मैदानों में इस विमान ने अब तक 104 लड़ाकू विमानों को गिराने का अनोखा रिकॉर्ड बनाया है।

 मालूम हो कि यह विमान दो इंजनों वाला चौथी पीढ़ी का विमान है, जिसको अमेरिकी सेना में वर्ष 1976 में शामिल किया गया था। इस विमान की अधिकतम गति 3000 किलोमीटर प्रति घंटा है। यह विमान अपने साथ बड़ी संख्या में अपने साथ बम और मिसाइलें ले जाने में सक्षम है।  

4. सुखोई एसयू-27

सुखोई एसयू-27 (Sukhoi Su-27) को सुखोई कंपनी ने बनाया है। यह विमान दो इंजनों वाला लड़ाकू विमान है। रूस ने इस विमान को अमेरिका के YF-12 और  F-15 ईगल विमान को टक्कर देने के लिए बनाया है। सुखोई एसयू-27 का मूल डिजाइन मिग-29 के ही जैसा है।  इस विमान को चीन सहित कई देशों की सेनाएं इस्तेमाल कर चुकी हैं। एसयू फाइटर जेट को अधिकतम 62 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ाया जा सकता है। यह अपने साथ 4430 किलोग्राम वजन तक के हथियार ले जा सकता है। यह विमान अपने दुश्मनों पर  करीब 2500 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दुश्मनों पर हमला करने में सक्षम है। 

5. ग्रुम्मन एफ-14 टॉमकैट

अमेरिकी विमान ग्रुम्मन एफ-14 एक सुपरसोनिक विमान है। दो इंजनों वाले इस विमान में दो सीट लगे हुए हैं। इस विमान को 1980 के दशक में ईरान-इराक युद्ध के दौरान इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के वायु सेना द्वारा इस्तेमाल किया गया। ईरान ने दावा किया था कि इस विमान से उसने 160 के करीब इराक के विमान को मार गिराया। यह विमान 1,190 मील प्रति घंटे या 1,915 किमी/घंटे के साथ उड़ान भर सकता है।