Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Fiji-India: भारत दौरे पर आएंगे फिजी के उपप्रधानमंत्री बिमान प्रसाद, अयोध्या में रामलला के करेंगे दर्शन

फिजी के उप प्रधानमंत्री बिमान प्रसाद एक हफ्ते की भारत यात्रा पर आ रहे हैं। वे रविवार को यहां आएंगे और वह अयोध्या में रामलला के दर्शन करेंगे। इसकी जानकारी विदेश मंत्रालय ने दी। विदेश मंत्रालय के अनुसार फिजी के उप प्रधान मंत्री रविवार को दिल्ली पहुंचेंगे। उनकी यात्रा चार से दस फरवरी तक चलेगी और 11 फरवरी को वह अपने देश लौट जाएंगे।

By Jagran News Edited By: Jeet KumarUpdated: Sun, 04 Feb 2024 06:40 AM (IST)
Hero Image
भारत दौरे पर आएंगे फिजी के उपप्रधानमंत्री बिमान प्रसाद (फोटो- वीडियो ग्रैब)

एएनआई, नई दिल्ली। फिजी के उप प्रधानमंत्री बिमान प्रसाद एक हफ्ते की भारत यात्रा पर आ रहे हैं। वे रविवार को यहां आएंगे और वह अयोध्या में रामलला के दर्शन करेंगे। इसकी जानकारी विदेश मंत्रालय ने दी। विदेश मंत्रालय के अनुसार, फिजी के उप प्रधान मंत्री रविवार को दिल्ली पहुंचेंगे। उनकी यात्रा चार से दस फरवरी तक चलेगी और 11 फरवरी को वह अपने देश लौट जाएंगे।

अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन करेंगे बिमान प्रसाद 

बिमान प्रसाद पहले विदेशी नेता हैं जो 22 जनवरी को हुए प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद अयोध्या का दौरा करेंगे और रामलला का दर्शन करेंगे। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली आने के बाद एक दिन बाद सोमवार को उनके आधिकारिक कार्यक्रम शुरू होंगे। पांच फरवरी को वह विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बैठक के साथ-साथ विदेश और शिक्षा राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह से मुलाकात करेंगे।

इसके बाद बिमान प्रसाद छह फरवरी को राष्ट्रीय राजधानी में एक कार्यक्रम में भाग लेंगे और सात फरवरी को एक अन्य कार्यक्रम के लिए गोवा जाएंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा है, आठ फरवरी को उनका अयोध्या जाने का कार्यक्रम है। नौ फरवरी को प्रसाद अहमदाबाद का दौरान करेंगे और उसके बाद गांधीनगर का दौरा करेंगे।

पिछले साल भारत दौरे पर आए थे बिमान प्रसाद

बिमान प्रसाद ने इससे पहले फरवरी 2023 में भारत का दौरा किया था। यह उनकी भारत की पहली आधिकारिक यात्रा थी। उस यात्रा के दौरान, उन्होंने जलवायु परिवर्तन से जुड़ी उच्च स्तरीय मंत्रिस्तरीय सत्र में भाग लिया था। चर्चा के दौरान, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि अगर दुनिया को वास्तव में जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों से लड़ना है, तो डीकार्बोनाइजेशन पर वैश्विक कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता है।