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Illegal Loan App: अवैध लोन एप पर कसेगा शिकंजा, आरबीआई और आईटी मंत्रालय को वित्त मंत्री का निर्देश

Illegal Loan App पिछले कुछ महीनों से अवैध लोन एप की देश भर में बाढ़ सी आ गई है जो लोगों को छोटे-छोटे लोन देने के नाम पर उनके फोन से तमाम डाटा चोरी कर लेते हैं और फिर उनके फोटो व डाटा में छेड़छाड़ कर ब्लैकमेल करने लगते हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Updated: Fri, 09 Sep 2022 08:36 PM (IST)
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अवैध लोन एप के हर फर्जीवाड़े की होगी जांच (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अवैध लोन एप पर शिकंजा कसने जा रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अवैध लोन एप के जरिए हो रहे फर्जीवाड़े को गंभीरता से लेते हुए इस पर लगाम कसने को लेकर कई निर्देश जारी किए। वित्त मंत्री ने आरबीआइ से वैध लोन एप की सूची जारी करने के लिए कहा है।

वहीं, इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्रालय से इस बात को सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि आरबीआइ की तरफ से जारी सिर्फ वैध लोन एप ही एप स्टोर से डाउनलोड किया जा सके।अवैध लोन एप के मनी लांड्रिंग, टैक्स चोरी और शेल कंपनियों के साथ के संबंधों की जांच का भी निर्देश दिया गया है।

अवैध लोन एप पर होगी सख्त कार्रवाई

अवैध लोन एप पर सख्त कार्रवाई के लिए वित्त मंत्री की अध्यक्षता में वित्त मंत्रालय के विभिन्न सचिवों के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्रालय के सचिव, आरबीआइ के डिप्टी गवर्नर के साथ बैठक की गई। वित्त मंत्रालय के मुताबिक अवैध लोन एप पर होने वाली कार्रवाई की समीक्षा के लिए अब नियमित रूप से वित्त मंत्री बैठक करेंगी।पिछले कुछ महीनों से अवैध लोन एप की देश भर में बाढ़ सी आ गई है जो लोगों को छोटे-छोटे लोन देने के नाम पर उनके फोन से तमाम डाटा चोरी कर लेते हैं और फिर उनके फोटो व डाटा में छेड़छाड़ कर उन्हें ब्लैकमेल करने लगते हैं।

10 हजार रुपए के लोन पर 50-60 रुपये तक वसूली

हाल ही में आंध्र प्रदेश की एक दंपती ने अवैध लोन एप की हरकतों से तंग आकर आत्महत्या कर ली। मुख्य रूप से कम कमाने वाले लोग अवैध लोन एप के जाल में फंसते हैं और उन्हें डरा-धमका कर 10 हजार रुपये के लोन पर 50-60 रुपये तक वसूल लिए जाते हैं। बैठक में वित्त मंत्री ने अवैध लोन एप की बढ़ती संख्या पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इन एप से डाटा के गलत इस्तेमाल की भी पूरी आशंका है।

मनी लांड्रिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले खातों की होगी जांच

वित्त मंत्री ने आरबीआई से उस प्रकार के सभी खातों की जांच करने के लिए कहा जिनका इस्तेमाल मनी लांड्रिंग में किया जा सकता है। आरबीआई को काफी दिनों से इस्तेमाल नहीं किए गए एनबीएफसी खाते की समीक्षा और उसे रद करने के भी निर्देश दिए गए। आरबीआइ से यह भी कहा गया है कि सभी पेमेंट एग्रीगेटर का पंजीयन एक तय समय में कर लिया जाए और उसके बाद गैर पंजीकृत एग्रीगेटर को पेमेंट की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए।

कारपोरेट मामले के मंत्रालय को शेल कंपनियों को चिन्हित कर उनके पंजीयन को समाप्त करने के लिए कहा गया है। आम जनता के साथ बैंक कर्मचारियों, विभिन्न सरकारी एजेंसियों व अन्य स्टेकहोल्डर्स में साइबर जागरूकता लाने के लिए विभिन्न कदम उठाए जाएंगे।