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प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए बुलाई गई बैठक, मौजूदा स्थिति पर हुई चर्चा

केंद्रीय वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव डॉ. विवेक जोशी ने 12 अक्टूबर को दो महत्वपूर्ण बैठकों का नेतृत्व किया। इस बैठक का उद्देश्य प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के कार्यान्वयन में तेजी लाना है। इस बैठक में पंजाब हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के अधिकारी शामिल थे। इस योजना के जरिए 18 चिन्हित ट्रेडों में शामिल लोगों की सहायता की जाएगी।

By AgencyEdited By: Shalini KumariUpdated: Fri, 13 Oct 2023 01:13 PM (IST)
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प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लिए वित्त मंत्रालय की खास बैठक
एएनआई, नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव डॉ. विवेक जोशी ने 12 अक्टूबर को दो महत्वपूर्ण बैठकों का नेतृत्व किया। इस बैठक का उद्देश्य 'प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना' के कार्यान्वयन में तेजी लाना है।

वित्त मंत्रालय की प्रेस रिलीज के मुताबिक, बैठक चंडीगढ़ में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के क्षेत्रीय कार्यालय में हुईं और इसमें पंजाब, हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के अधिकारी शामिल थे।

कई अहम मुद्दों पर हुई चर्चा

इस बैठक में पारंपरिक व्यवसायों में लगे कारीगरों और शिल्पकारों तक इसका लाभ पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के निर्बाध और कुशल कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने की अनिवार्य आवश्यकता को लेकर ही चर्चाएं हुईं।

18 ट्रेड में शामिल लोगों की होगी मदद

इस योजना के जरिए 18 चिन्हित ट्रेडों में शामिल लोगों की सहायता की जाएगी। यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "सबका विकास" के दृष्टिकोण के अनुरूप है। डॉ. जोशी ने लाभार्थियों के नामांकन में तेजी लाने, त्वरित सत्यापन और निर्बाध पंजीकरण प्रक्रियाओं में राज्य सरकार के क्षेत्रीय अधिकारियों की भूमिका के महत्व को रेखांकित किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पात्र व्यक्ति प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लाभ तक पहुंच सकें। यह कार्यक्रम न केवल पारंपरिक कौशल को संरक्षित करने, बल्कि पारंपरिक कारीगरों को भविष्य के उद्यमियों में बदलने के लिए भी है।

प्रमुख संस्थानों ने दिया अपडेट

बैठक के दौरान, योजना के कार्यान्वयन में शामिल प्रमुख सरकारी संस्थाओं की ओर से प्रजेंटेशन दी गईं, जिनमें केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME), केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE), क्षेत्रीय निदेशालय, कौशल विकास और उद्यमिता (RDSDE) और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) शामिल थे।

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प्रेस रिलीज में कहा गया है कि इन प्रेजेंटेशन ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी और विभिन्न क्षेत्रों में इसकी प्रगति पर अपडेट दिया। चूंकि, पारंपरिक शिल्प और कौशल को बढ़ावा देने के ये प्रयास जारी हैं, यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना कारीगरों को सशक्त बनाने और क्षेत्र में समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है।

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