राघवजी समेत तीन पर नौकर से कुकृत्य का केस दर्ज
रविवार को दिनभर चली कवायद के बाद देर शाम हबीबगंज पुलिस ने पूर्व वित्त मंत्री राघवजी भाई समेत तीन लोगों के खिलाफ अपने नौकर से अप्राकृतिक कृत्य करने का मामला दर्ज कर लिया। आरोपियों में पूर्व मंत्री के दो नौकर भी शामिल हैं।
By Edited By: Updated: Mon, 08 Jul 2013 01:06 PM (IST)
भोपाल। रविवार को दिनभर चली कवायद के बाद देर शाम हबीबगंज पुलिस ने पूर्व वित्त मंत्री राघवजी भाई समेत तीन लोगों के खिलाफ अपने नौकर से अप्राकृतिक कृत्य करने का मामला दर्ज कर लिया। आरोपियों में पूर्व मंत्री के दो नौकर भी शामिल हैं।
विदिशा जिले के कुरवाई थाना अंतर्गत ग्राम तमुइयां निवासी 30 वर्षीय राजकुमार दांगी ने बृहस्पतिवार रात राघवजी व उनके दो स्टाफ के खिलाफ कुकृत्य करने की शिकायत की थी। मामला सुर्खियों में आने के बाद से सूबे की सियासत में भूचाल आ गया। दो दिन तक इस मामले में एफआईआर न होने से खफा कांग्रेस के नेताओं ने रविवार सुबह से ही हबीबगंज थाने में अघोषित धरना दे दिया था। उनके साथ फरियादी राजकुमार भी मौजूद था। हंगामे के आसार देख पुलिस के आला अफसर मौके पर पहुंच गए। इसके अलावा थाना व आसपास का इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो गया था। दिनभर चली कवायद के बाद शाम को पुलिस ने पूर्व मंत्री राघवजी व उनके स्टाफ के शेरसिंह चौहान व सुरेशसिंह के खिलाफ दफा-377, 506 [बी], 34 के तहत मुकदमा कायम कर लिया। इसके बाद ही कांग्रेसी थाने से हटे। इस धारा में दोष साबित होने पर अधिकतम 10 साल की सजा हो सकती है। दांगी ने एफआइआर में कहा है कि वह नौकरी की तलाश में राघवजी के बंगले पर पहुंचा था। सितंबर, 2010 से वह वहां रहने लगा और सोम डिस्टलरी में उसकी नौकरी लगवा दी गई। राघवजी उससे हाथ पांव दबवाते थे, बाद में अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने लगे। राघवजी जी के दबाव व डर से वह सब सहता रहा। शेरसिंह और उसके साले सुरेश ने भी उसके साथ अप्राकृतिक कृत्य किया। शेरसिंह की पत्नी के साथ भी राघवजी के अवैध संबंध हैं। वे स्मार्ट लड़कों को नौकरी का लालच देकर फंसाते हैं और ऐसे लड़के व लड़िकियों को उनके पास लाने का भी दबाव डालते थे। वे गांव में किसी दांगी परिवार की लड़की से मेरी शादी कराना चाहते थे, ताकि अपना मकसद पूरा करते रह सकें। वे मुझे राजकुमारी और अपनी पत्नी कहते थे। राजकुमार के मुताबिक, उसने राघवजी के बंगले से भागने की कोशिश भी की, लेकिन उसे जान से मारने की धमकी दी गई। उसने राघवजी के बंगले पर आने वाले भाजपा नेता शिवशंकर पटेरिया से सारी बातें बताई तो उन्होंने कैमरे वाला पेन दिया और सारी बातें रिकॉर्ड करने को कहा। राजकुमार ने उस पेन और मोबाइल से सीडी तैयार की और उसे पटेरिया को सौंप दी। लेकिन पटेरिया ने और सीडी बनाकर देने को कहा। पटेरिया जब कुछ करने से मुकर गए तो उसने अपने साथी घनश्याम के साथ खुद ही सीडी बनाकर खुलासा करने का निश्चय किया। उसने कहा कि भाजपा सरकार ने दबाव डालकर उसके पिता से झूठे बयान दिलवाए हैं कि मैं मानसिक रूप से बीमार हूं। मैं बीमार नहीं हूं और अपना मेडिकल परीक्षण कराने को तैयार हूं।
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