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भारत में पहली हाइड्रोजन फ्यूल सेल कार हुई लांच, जानें कैसे आपके लिए है फायदेमंद

इस कार में एडवांस फ्यूल सेल लगाया गया है जो आक्सीजन और हाइड्रोजन के मिश्रण से बिजली पैदा करता है और इसी बिजली से कार चलती है। उत्सर्जन के रूप में इस कार से सिर्फ पानी निकलता है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Updated: Thu, 17 Mar 2022 07:35 AM (IST)
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सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारत में पहली हाइड्रोजन फ्यूल कार लांच की।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारत में पहली हाइड्रोजन फ्यूल कार लांच की। टोयोटा कंपनी की पायलट प्रोजेक्ट के तहत लांच की गई इस कार में एडवांस फ्यूल सेल लगाया गया है, जो आक्सीजन और हाइड्रोजन के मिश्रण से बिजली पैदा करता है और इसी बिजली से कार चलती है। उत्सर्जन के रूप में इस कार से सिर्फ पानी निकलता है। गडकरी ने कहा कि यह कार पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल है और इससे किसी तरह का प्रदूषण नहीं फैलता है।

गडकरी ने पायलट प्रोजेक्ट को दिखाई हरी झंडी

ग्रीन हाइड्रोजन को भविष्य का ईधन बताते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि इसे रिन्यूएबल एनर्जी की मदद से आसानी से बनाया जा सकता है और इसके लिए देश में बायोमास प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। रिन्यूएबल एनर्जी से बनने वाला ग्रीन हाइड्रोजन पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल है और आने वाले समय में इसमें देश की एनजी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है। उनके अनुसार बैटरी को चार्ज करने में लगने वाला अधिक समय और बैटरी के वजन और आकार की वजह से ट्रक और बस जैसी बड़ी गाड़ियों में इसका इस्तेमाल मुश्किल होता है, जबकि इनमें हाइड्रोजन का इस्तेमाल आसानी से किया जा सकता है।

टैंक फुल कराने के बाद 600 किलोमीटर तक चलेगी कार

हाइड्रोजन फ्यूल कार बनाने वाली टोयोटा कंपनी के अधिकारी ने कहा कि इस कार में पांच मिनट में हाइड्रोजन टैंक फुल हो जाएगा और एक बार टैंक फुल कराने के बाद 600 किलोमीटर तक आसानी से चलाया जा सकता है। इस अवसर पर मौजूद ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि एनटीपीसी को दिल्ली से आगरा और दिल्ली से जयपुर के बीच हाइड्रोजन फ्यूल पर आधारित अल्ट्रा लक्जरी बस चलाने को कहा गया है। इस अवसर पर भारी उद्योग मंत्री महेंद्रनाथ पांडेय भी उपस्थित थे।

ग्रीन हाइड्रोजन की कीमत को एक डालर तक लाने का प्रयास: पुरी

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि सरकार ग्रीन हाइड्रोजन की कीमत को एक डालर तक लाने का प्रयास कर रही है। हालांकि यह बड़े पैमाने पर उत्पादन के बाद ही संभव हो सकेगा। देश में ग्रीन हाइड्रोजन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए सबसे पहले सभी रिफाइनरी को ग्रीन हाइड्रोजन का इस्तेमाल सुनिश्चित करने को कहा गया है। अभी रिफाइनरी में ग्रे हाइड्रोजन का इस्तेमाल हो रहा है। गडकरी ने कहा कि एक डालर के स्तर पर हाइड्रोजन की कीमत आने से देश में सस्ती एनर्जी उपलब्ध कराना संभव हो सकेगा।

उद्योगों को मिलेगी सस्ती बिजली: सिंह

ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने उद्योगों मिलने वाली मंहगी बिजली के लिए क्रास सब्सिडी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि राजनीतिक कारणों से राज्य सरकारें इसमें सुधार की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। इसीलिए सरकार ने अब उद्योगों को कहीं भी रिन्यूएबल एनर्जी संयंत्र लगाने की छूट देने जा रही है। इस रिन्यूएबल एनर्जी संयत्र से बनने वाली बिजली सरकार केंद्रीय पूल में ट्रांसमिशन के लिए लेगी और उसके बराबर मुफ्त की बिजली उद्योग को जरूरत की जगह पर उपलब्ध करा दी जाएगी। इससे उद्योगों को लगभग दो रुपये प्रति यूनिट बिजली मिलना संभव हो सकेगा।