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Indian Air Force: नाल एयरबेस पर स्वदेशी LCA मार्क 1A की पहली टुकड़ी होगी तैनात, HAL मार्च तक वायुसेना को सौंपेगा पहला विमान

भारतीय वायुसेना पाकिस्तानी मोर्चे के निकट राजस्थान के बीकानेर स्थित नाल एयरबेस पर स्वदेशी एलसीए मार्क 1ए युद्धक विमान की पहली टुकड़ी को जल्द ही तैनात कर देगी। हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) वायुसेना को फरवरी-मार्च तक पहला एलसीए मार्क1ए विमान सौंप देगा। एलसीए मार्क1ए युद्धक विमान की टुकड़ी को बीकानेर के नाल वायु सैनिक अड्डे पर तैनात किया जाएगा ।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Sun, 10 Dec 2023 11:59 PM (IST)
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नाल एयरबेस पर स्वदेशी LCA मार्क 1A की पहली टुकड़ी होगी तैनात। फाइल फोटो।
एएनआई, नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना पाकिस्तानी मोर्चे के निकट राजस्थान के बीकानेर स्थित नाल एयरबेस पर स्वदेशी एलसीए मार्क 1ए युद्धक विमान की पहली टुकड़ी को जल्द ही तैनात कर देगी। यह युद्धक विमान मौजूदा समय में तैनात एलसीए मार्क1 तेजस युद्धक विमानों से अधिक आधुनिक हैं। यह स्वदेशी रडारों और वैमानिकी से लैस हैं।

बीकानेर के नाल वायु सैनिक अड्डे पर किया जाएगा तैनात

रक्षा सूत्रों के अनुसार, हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) वायुसेना को फरवरी-मार्च तक पहला एलसीए मार्क1ए विमान सौंप देगा। एलसीए मार्क1ए युद्धक विमान की टुकड़ी को बीकानेर के नाल वायु सैनिक अड्डे पर तैनात किया जाएगा। इसे मिग-21 बिसन की दो टुकड़ियां (स्क्वाड्रन) में से एक में शामिल किया जाएगा।

बड़े पैमाने पर हो रहा है एलसीए मार्क1ए विमान का उत्पादन

एलसीए मार्क1ए विमान का उत्पादन अब बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। फिलहाल 83 ऐसे विमान निर्माणाधीन हैं, जबकि केंद्र सरकार ने 97 और एलसीए मार्क1ए विमानों के निर्माण को मंजूरी दे दी है।

एचएएल ने एलसीए मार्क1ए युद्धक विमानों के उत्पादन की दर बढ़ा दी है और उम्मीद की जा रही है कि वर्ष 2025 तक हर साल 24 एलसीए मार्क1ए युद्धक विमानों का उत्पादन हो सकेगा। वायुसेना एलसीए श्रेणी के विमानों को मिग श्रृंखला के विमानों से बदल देगी। एलसीए मार्क1ए विमान मिग-21, मिग-23 और मिग-27 विमानों की जगह लेगा।

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 मिग-23 और मिग-27 को वायुसेना ने कर दिया है बाहर

खास बात यह है कि वायुसेना ने मिग-23 और मिग-27 को पहले ही बाहर कर दिया है। हालांकि ¨वटेज माने जाने वाले मिग-21 की दो लकड़ियों को भी जल्द ही वायुसेना से रिटायर कर दिया जाएगा। ऐसा माना जा रहा है कि भारतीय वायुसेना भविष्य में मिराज-2000 और जैगुआर विमानों की जगह भी इन्हीं एलसीए मार्क1ए युद्धक विमानों को शामिल करेगी।

स्वदेशी विमान ही होंगे वायुसेना में शामिल

रक्षा सूत्रों का कहना है कि वायुसेना की योजना है कि अगले दशक के अंत तक एलसीए मार्क1 और मार्क1ए की दस टुकड़ियां, एलसीए मार्क2 की 12-13 टुकड़ियां और रूसी मूल के एसयू-30एमकेआइ विमानों के 13 स्क्वाड्रन की जगह भारी तादाद में आधुनिक मध्यम श्रेणी के युद्धक विमानों को शामिल किया जाएगा।

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इसके अलावा, भारतीय वायुसेना भारत में बने युद्धक विमानों को ही अपनी टुकड़ियों में शामिल करेगी। इसलिए उसे करीब 120 स्वदेशी मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट (एमआरएफए) की जरूरत पड़ेगी,  जिनकी क्षमता राफेल की दो टुकड़ियां के बराबर हो। इन विमानों को देश के दोनों मोर्चों पर तैनात किया जाएगा।

90 हल्के युद्धक हेलीकॉप्टर थल सेना को सौंपे

 वायुसेना को इस साल अक्टूबर की शुरुआत में मिले एलसीए ट्रेनर विमान पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उड़ान भरने के बाद भारत के स्वदेशी युद्धक विमानों के प्रोजेक्ट को बहुत बढ़ावा मिला है। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी स्वदेशी परियोजनाओं का पूरा समर्थन करते रहे हैं। वायुसेना स्वदेशी हल्के युद्धक हेलीकॉप्टर को भी खरीदने की अगुआई कर रही है।

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 इनमें से 90 हेलीकॉप्टर भारतीय थल सेना को सौंपे जा चुके हैं, जबकि वायुसेना के पास 66 हेलीकाप्टर हैं। रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) ने पिछली बैठक में वायुसेना के लिए 1.74 लाख करोड़ रुपये से अधिक के तीन स्वदेशी प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी। इन तीनों परियोजनाओं को एचएएल निजी कंपनियों की साझेदारी में पूरी करेगा।