Cervical Cancer Vaccine: सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ देश को मिली पहली वैक्सीन, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने किया लांच
Cervical Cancer Vaccine Launch सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए देश में पहली वैक्सीन लांच हो गई है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह इस वैक्सीन को लांच किया। खास बात है कि ये वैक्सीन पूरी तरह से स्वदेशी है।
By Manish NegiEdited By: Updated: Thu, 01 Sep 2022 09:36 AM (IST)
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ जंग में देश को आज कारगर हथियार मिल गया है। सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए देश में पहली वैक्सीन लांच की गई है। क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) वैक्सीन पूर्ण रूप से स्वदेशी है। केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जितेंद्र सिंह ने इस वैक्सीन को लांच किया। कार्यक्रम का आयोजन इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (आइआइसी) में किया गया। कार्यक्रम में एसआइआइ के सीईओ अदार पूनावाला भी मौजूद रहे।
भारत के दवा महानियंत्रक (डीसीजीआइ) ने पिछले महीने सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (एसआइआइ) को सर्वाइकल कैंसर रोधी स्वदेशी वैक्सीन के उत्पादन की अनुमति प्रदान की थी। एसआइआइ ने इस वैक्सीन को 'सर्ववैक' ब्रांड नाम से तैयार किया है।'स्वदेशी वैक्सीन लांच करना गौरवपूर्ण अनुभव'
नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप आन इम्यूनाइजेशन (NTAGI) और COVID कार्य समूह के अध्यक्ष डा एन के अरोड़ा ने कहा है कि भारत में निर्मित वैक्सीन को लांच करना एक गौरवपूर्ण अनुभव है। उन्होंने कहा कि भारत में निर्मित वैक्सीन को लांच करना रोमांच से भरा हुआ है। मुझे इस बात की खुशी है कि हमारी बेटियां और पोतियां इस बहुप्रतीक्षित वैक्सीन को अब प्राप्त कर पाएंगी।
Historic milestone in Preventive Healthcare,under leadership of PM Sh @NarendraModi.
India’s first indigenously developed Quadrivalent Human Papillomavirus vaccine (qHPV) against Cervical Cancer launched by Department of Biotechnology under Union Ministry of Science & Technology pic.twitter.com/EItvwgVX9J
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) September 1, 2022
15-44 उम्र की महिलाओं में ज्यादा शिकायत ये वैक्सीन सभी तरह के लक्षित एचपीवी के खिलाफ बहुत ही प्रभावी पाई गई है। यह सभी डोज और आयु समूह में बेसलाइन की तुलना में एक हजार गुना ज्यादा एंटीबाडी बनाती है। सर्वाइकल कैंसर इस बीमारी का दूसरा ऐसा रूप है, जिससे देश में 15 से 44 वषर्ष आयु समूह की महिलाएं सबसे ज्यादा पीड़ित होती हैं।