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वक्फ कानून में संशोधनों पर JPC की पहली बैठक में सवालों की बौछार, विपक्षी सांसदों ने फिर उठाए कई सवाल

वक्फ कानून में संशोधनों पर जेपीसी की पहली बैठक आज जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में हुई। इस दौरान विपक्षी सांसदों की ओर से सवालों की बौछार की गई। वहीं मंत्रालय के अधिकारियों के प्रेजेंटेशन के दौरान टीएमसी के कल्याण बनर्जी आप के संजय सिंह एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी और डीएमके के ए राजा समेत विपक्षी सांसदों ने प्रस्तावित संशोधन के कई उपबंधों की जरूरत पर सवाल उठाया।

By Jagran News Edited By: Sonu Gupta Updated: Thu, 22 Aug 2024 09:12 PM (IST)
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जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में हुई वक्फ कानून में संशोधनों पर जेपीसी की पहली बैठक। फोटोः @jagdambikapalmp

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। Waqf Amendment Bill: जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में हुई वक्फ कानून में संशोधनों पर जेपीसी की पहली बैठक में विपक्षी सांसदों की ओर से सवालों की बौछार हुई।

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों की ओर दिये जा रहे प्रेजेंटेशन के दौरान सदस्यों ने कई सवाल पूछे, जिनमें कई के उत्तर दिए गए और बाकी सवालों के जवाब बाद में लिखित रूप में भेजने का आश्वासन दिया गया।

30 अगस्त को होगी अगली बैठक

बैठक में मौजूद एक सांसद के अनुसार जेपीसी की अगली बैठक 30 अगस्त को होगी। सूत्रों के अनुसार मंत्रालय के अधिकारियों के प्रेजेंटेशन के दौरान टीएमसी के कल्याण बनर्जी, आप के संजय सिंह, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी और डीएमके के ए राजा समेत विपक्षी सांसदों ने प्रस्तावित संशोधन के कई उपबंधों की जरूरत पर सवाल उठाया।

उनका कहना था कि इनमें जिलाधिकारी और गैर मुस्लिम सदस्यों को बहुत ज्यादा अधिकार दिए गए हैं, जो वक्फ के हितों के खिलाफ है। इस दौरान विपक्ष और सत्तापक्ष के सांसदों के बीच तीखी बहस भी हुई।

सभी हितधारकों से बात करेगी जेपीसीः जगदंबिका पाल

वहीं, जगदंबिका पाल ने सांसदों को आश्वस्त किया कि जेपीसी मुस्लिम संगठनों के साथ-साथ सभी हितधारकों से बात करेगी। माना जा रहा है कि अगली बैठक में हितधारकों से बातचीत का सिलसिला शुरू हो जाएगा। इसके बाद जेपीसी के सदस्य प्रस्तावित सभी 44 संशोधनों पर एक-एक कर विचार करेंगे।

संसद के अगले शीतकालीन सत्र के पहले जेपीसी को अपनी रिपोर्ट देनी होगी, जिसके आधार पर प्रस्तावित संशोधनों में सुधार करते हुए सरकार नए सिरे से लोकसभा में विधेयक को पेश करेगी।

ध्यान देने की बात है कि आठ अगस्त को लोकसभा में विधेयक को पेश किया गया था, जिसका विपक्षी दलों में तीखा विरोध किया था। इसके बाद सरकार के अनुरोध पर संशोधनों पर विस्तार से विचार-विमर्श के लिए विधेयक को जेपीसी के पास भेज दिया गया था। 

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