देश में पहली बार कैंसर-रोधी आयुर्वेदिक दवा 'वी2एस2' का होगा क्लीनिकल ट्रायल, 12 महीने तक चलेगा परीक्षण
रीक्षण टाटा मेमोरियल अस्पताल मुंबई में नौ से 12 महीने तक किए जाएंगे। इसके परिणामों के आधार पर राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान और जम्मू कश्मीर आयुष विभाग मानव पर परीक्षण करेगा। परीक्षण के लिए दवा निर्मित करने की जिम्मेदारी एआइएमआइएल फार्मास्युटिकल्स को सौंपी गई है।
By AgencyEdited By: Shashank MishraUpdated: Tue, 11 Apr 2023 10:20 PM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआई। आयुर्वेदिक दवा 'वी2एस2' से कैंसर को मात देने की उम्मीद जगी है। देश में पहली बार आयुर्वेदिक दवा का क्लीनिकल ट्रायल होगा। परीक्षण टाटा मेमोरियल अस्पताल मुंबई में होगा। इसे पूरा होने में करीब नौ से 12 माह का समय लग सकता है। इसके लिए राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (एनआइए), टाटा मेमोरियल अस्पताल, जम्मू कश्मीर के आयुष महानिदेशालय और एआइएमआइएल फार्मा ने हाथ मिलाए हैं।
जंतुओं पर दवा का परीक्षण जल्द होगा शुरू
आयुष मंत्रालय के तहत आने वाले राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के विशेषज्ञों द्वारा विकसित दवा 'वी2एस2' को कई औषधीय पौधों से निकाले गये हाइड्रो-एल्कोहोलिक अर्क से तैयार किया गया है। एनआइए के कुलपति डा. संजीव शर्मा ने कहा कि इस दवा के कैंसररोधी गुणों की प्रयोगशाला जांच में पहले ही पुष्टि हो चुकी है। इसे प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने और कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि रोकने में भी प्रभावी पाया गया। अब 'इन-वीवो' (जीवित जीव पर) जांच के लिए यह समझौता किया गया है। जंतुओं पर दवा का परीक्षण जल्द शुरू होगा।
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान करेगा मानव पर परीक्षण
डा. शर्मा कहा, परीक्षण टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुंबई में नौ से 12 महीने तक किए जाएंगे। इसके परिणामों के आधार पर राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान और जम्मू कश्मीर आयुष विभाग मानव पर परीक्षण करेगा। परीक्षण के लिए दवा निर्मित करने की जिम्मेदारी एआइएमआइएल फार्मास्युटिकल्स को सौंपी गई है। दवा को बाजार में उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी भी एआइएमआइएल की होगी।एआइएमआइएल फार्मास्युटिकल्स के कार्यकारी निदेशक डा. संचित शर्मा ने कहा कि अगले दो-तीन वर्षों में आयुर्वेद देश-विदेश में कैंसर के रोगियों को उपचार का प्रभावकारी विकल्प मुहैया कर सकेगा। एनआइए जयपुर में आयोजित समारोह में कुलपति डा. संजीव शर्मा के साथ एआइएमआइएल फार्मा के उपाध्यक्ष डा. अनिल शर्मा, आयुष महानिदेशालय जम्मू-कश्मीर के डा. संदीप चरक मौजूद थे। टाटा मेमोरियल मुंबई की शोधकर्ता डा. ज्योति कोडे वर्चुअल तरीके से शामिल हुईं।