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Kerala: सड़क किनारे बने तंबू को ट्रक ने मारी टक्कर, हादसे में दो बच्चों सहित 5 लोगों की हुई दर्दनाक मौत

त्रिशूर के मध्य जिले में मंगलवार तड़के एक ट्रक ने सड़क किनारे लगे तंबू को टक्कर मार दी। इस दौरान हादसे में दो बच्चों सहित कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई। हादसे में करीब 5 लोग घायल भी हुए हैं। इस घटना की जानकारी पुलिस के हवाले से सामने आई है। पुलिस ने बताया कि घायलों को त्रिशूर सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

By Jagran News Edited By: Versha Singh Updated: Tue, 26 Nov 2024 08:18 AM (IST)
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केरल में सड़क हादसे में हुई 5 लोगों की मौत (फाइल फोटो)
पीटीआई, त्रिशूर (केरल)। केरल में एक दर्दनाक सड़क हादसा सामने आया है। बता दें कि त्रिशूर के मध्य जिले में मंगलवार तड़के एक ट्रक ने सड़क किनारे लगे तंबू को टक्कर मार दी। इस दौरान हादसे में दो बच्चों सहित कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई। हादसे में करीब 5 लोग घायल भी हुए हैं। इस घटना की जानकारी पुलिस के हवाले से सामने आई है।

उन्होंने बताया कि पीड़ित खानाबदोश थे जो राजमार्ग के किनारे तंबू बनाकर रह रहे थे। सुबह 4.30 बजे वलपड़ पुलिस स्टेशन के अंतर्गत नट्टिका में राष्ट्रीय राजमार्ग पर ट्रक ने उन्हें टक्कर मार दी।

पुलिस ने बताया कि घायलों को त्रिशूर सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां दो लोगों की हालत गंभीर बताई गई है।

मृतकों में डेढ़ साल और चार साल के दो बच्चे और दो महिलाएं भी शामिल हैं। पुलिस ने बताया कि वाहन के चालक और क्लीनर को हिरासत में ले लिया गया है। मामले को लेकर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

केरल में बढ़ रहे बाल शोषण के मामले

देश में इन दिनों बाल शोषण के मामले में लगातार बढ़ रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा मामले केरल से हैं, केरल में तेजी से बाल शोषण के मामले बढ़ रहे हैं। बाल अधिकार पैनल की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। केरल में बच्चों के साथ यौन शोषण की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, जिससे वे स्कूलों और घरों में भी असुरक्षित हो गए हैं।

हाल ही में केरल राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की तरफ से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, ऐसे 21 प्रतिशत मामले बच्चों के घरों में और चार प्रतिशत स्कूलों में दर्ज किए गए। इस वजह से राज्य के बाल अधिकार पैनल को माता-पिता, शिक्षकों और पुलिस अधिकारियों के बीच बाल दुर्व्यवहार के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रेरित किया गया है।

बच्चों के साथ घर में हुआ शोषण

रिपोर्ट के मुताबिक, ''यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत 4,663 मामलों का विश्लेषण किया गया, 988 (21 प्रतिशत) घटनाएं बच्चों के घरों में, 725 (15 प्रतिशत) आरोपियों के घरों में और 935 (20 प्रतिशत) घटनाएं सार्वजनिक स्थानों पर हुईं हैं।'' रिपोर्ट में बताया गया कि 173 मामलों में अपराध स्कूलों में 139 मामले गाड़ियों में, 146 घटनाओं विभिन्न स्थानों पर और 166 घटनाएं अलग-अलग इलाकों में हुईं हैं।

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