वायनाड में कैसे आई आपदा? पांच सदस्यीय टीम करेगी भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों की जांच
केरल में पिछले दिनों हुए भूस्खलन ने तबाही मचा दी है। भूस्खलन की जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। टीम का नेतृत्व राष्ट्रीय भूविज्ञान केंद्र के वरिष्ठ विज्ञानी जान मथाई करेंगे। टीम के सदस्य वायनाड भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों दौरा कर सैकड़ों लोगों की जान लेने वाली आपदा के कारणों का आकलन करेंगे। बता दें कि लापता लोगों की तलाश 15वें दिन भी जारी रही।
पीटीआई, वायनाड। केरल में पिछले दिनों हुए भूस्खलन की जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। टीम का नेतृत्व राष्ट्रीय भूविज्ञान केंद्र के वरिष्ठ विज्ञानी जान मथाई करेंगे। टीम के सदस्य वायनाड भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों दौरा कर सैकड़ों लोगों की जान लेने वाली आपदा के कारणों का आकलन करेंगे।
वहीं, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि प्रधानमंत्री के आश्वासन के मद्देनजर राज्य सरकार को पुनर्वास योजना बनानी होगी।
15वें दिन भी जारी रही तलाश
लापता लोगों की तलाश 15वें दिन भी जारी रही। टीम आपदा क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों और आसपास के स्थलों में संभावित खतरों का आकलन करेगी। इसमें आपदा कैसे आई और भूस्खलन क्यों हुआ, इसका पता लगाने का भी प्रयास किया जाएगा। निरीक्षण के बाद विशेषज्ञ दल अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा और क्षेत्र के लिए उपयुक्त भूमि उपयोग की सिफारिश भी करेगा।'पुनर्वास में संसाधनों की कमी सामने नहीं आएगी'
इस विशेषज्ञ दल के अन्य सदस्य जल संबंधित आपदा प्रबंधन उत्कृष्टता केंद्र (सीडब्ल्यूआरएम) के प्रधान विज्ञानी और प्रमुख डा टीके , सुरथकल एनआइटी के सहायक प्रोफेसर डा श्रीवालसा कोलाथयार, जिला मृदा संरक्षण अधिकारी तारा मनोहरन और केरल आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के खतरा एवं जोखिम विश्लेषक पी प्रदीप हैं।
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आश्वासन दिया है कि वायनाड जिले में भूस्खलन से प्रभावित लोगों के पुनर्वास में संसाधनों की कमी सामने नहीं आएगी। अब इसके लिए विस्तृत योजना तैयार करना राज्य सरकार का काम है। उन्होंने यह भी बताया कि पीडि़तों के लिए देश भर से मदद आ रही है।