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'तैरता द्वीप' है पहला स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत 'विक्रांत', जानें इसकी विशेषताएं

विक्रांत के डिजाइनर मेजर मनोज कुमार ने कहा इसमें इस्तेमाल इस्पात से हम तीन एफिल टावर बना सकते हैं। पोत में दो आपरेशन थिएटर के साथ पूरी तरह से क्रियाशील मेडिकल कांप्लेक्स भी है। स्वचालित मशीनों से सुसज्जित रसोई घर में करीब 2000 कर्मचारियों का एकसाथ खाना बन सकता है।

By Neel RajputEdited By: Updated: Sun, 15 Aug 2021 05:25 AM (IST)
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पहले समुद्री परीक्षण के बाद नौसेना ने मीडिया के लिए खोले सबसे जटिल पोत के दरवाजे (फोटो : एएनआइ)

कोच्चि, प्रेट्र। 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह से पहले दक्षिणी नौसेना कमान ने देश में निर्मित पहले विमानवाहक युद्धपोत व इंजीनियरिंग के चमत्कार 'विक्रांत' की झलक पेश की। नौसेना ने शुक्रवार को इस विशालकाय व सबसे जटिल युद्धपोत के दरवाजे मीडिया के लिए खोल दिए।

40 हजार टन वजनी 'विक्रांत' पर मीडिया को संबोधित करते हुए दक्षिणी नौसेना कमान के कमांडिंग इन चीफ वाइस एडमिरल एके चावला ने कहा कि इसका पांच दिवसीय परीक्षण 'आत्मनिर्भर भारत' का 'ज्वलंत उदाहरण' है। उन्होंने कहा, 'यह सबसे जटिल युद्धपोतों का डिजाइन बनाने और उनके निर्माण की भारतीय नौसेना की क्षमता को प्रदर्शित करता है।' करीब 23 हजार करोड़ रुपये की लागत वाले इस युद्धपोत ने भारत को अत्याधुनिक विमानवाहक बनाने में सक्षम चुनिंदा देशों के समूह में शामिल कर दिया है।

आधा कोच्चि शहर हो सकता है रोशन

वरिष्ठ इलेक्ट्रिकल निगरानी अधिकारी कमांडर श्रीजीत ने बताया, 'पोत में इस्तेमाल की जाने वाली बिजली से आधा कोच्चि शहर रोशन हो सकता है। इसमें करीब 2,600 किलोमीटर लंबे केबल का इस्तेमाल हुआ है।' पोत की दैनिक प्रगति का आकलन करने वाली टीम में शामिल अनूप हमीद ने कहा कि यह एक 'तैरता द्वीप' है। उन्होंने कहा, 'इसमें विमान को छोटे रनवे से उड़ान भरने और लैंडिंग के लिए जरूरी सारी सुविधाएं व प्रणालियां उपलब्ध हैं।'

बन सकते हैं तीन एफिल टावर

विक्रांत के डिजाइनर मेजर मनोज कुमार ने कहा, 'इसमें इस्तेमाल इस्पात से हम तीन एफिल टावर बना सकते हैं। पोत में दो आपरेशन थिएटर (ओटी) के साथ पूरी तरह से क्रियाशील मेडिकल कांप्लेक्स भी है। स्वचालित मशीनों से सुसज्जित रसोई घर में करीब 2,000 कर्मचारियों का एकसाथ खाना बन सकता है। हैंगर में 20 विमान खड़े किए जा सकते हैं।' लेफ्टिनेंट कमांडर जेनेट मारिया ने बताया कि नौसेना और शिपयार्ड दोनों की 25 महिला अधिकारी 'विक्रांत' से जुड़ी हैं। इनमें से छह ने समुद्री परीक्षण में हिस्सा भी लिया।

कोचीन शिपयार्ड को मिले दो और आर्डर

कोचीन शिपयार्ड के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक के सलाहकार सुरेश बाबू ने बताया, 'हमें नौसेना से दो और आर्डर मिले हैं। हमें एक पनडुब्बीरोधी युद्धपोत व उन्नत मिसाइल पोत बनाने के आर्डर मिले हैं। इन पर करीब 16 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी।' पहले आइएनएस विक्रांत ने वर्ष 1971 में पाकिस्तान से युद्ध के दौरान भारत की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। नए 'विक्रांत' को 'आजादी का अमृत महोत्सव' के उपलक्ष्य में होने वाले समारोहों के बीच नौसेना में शामिल करने का लक्ष्य है।

विक्रांत की अन्य विशेषताएं 

  • 262 मीटर लंबाई
  • 62 मीटर चौड़ाई
  • 59 मीटर ऊंचाई
  • 2,300 से अधिक केबिन
  • 1,700 लोगों के रहने की क्षमता
  • 52 किमी प्रति घंटा अधिकतम गति
  • 33 किमी प्रति घंटा सामान्य गति