Weather Update: उत्तर भारत में कोहरे से अभी नहीं मिलने वाली निजात, पहाड़ों पर बर्फबारी से बढ़ी ठिठुरन
निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता प्रवीन कर्णवाल ने बताया कि अत्याधिक ठंड के चलते सुबह साढ़े दस बजे से पहले और दोपहर दो ढाई बजे के बाद कार्य करना मुश्किल हो रहा है। जिसके कारण 700 श्रमिकों को तय तारीख से पहले ही वापस लौटना पड़ा है।
नई दिल्ली, जागरण टीम। दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा और उप्र में आने वाले दो-तीन दिन में बहुत घना कोहरा पड़ने की संभावना है। मौसम विभाग की मानें तो शीतलहर के साथ तापमान में भी गिरावट हो सकती है। न्यूनतम और अधिकतम तापमान में गिरावट संभव है। उधर, पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी और तेज हवाओं ने मैदानी राज्यों में ठिठुरन बढ़ा दी है। चिल्लेकलां का दौर शुरू होने के साथ ही कश्मीर में तापमान और नीचे चला गया है। कश्मीर के लगभग सभी क्षेत्रों का रात का तापमान जमाव बिंदु से नीचे है।
हवाई व रेल सेवाएं लगातार हो रही हैं प्रभावित
घने कोहरे व धुंध के कारण उप्र, पंजाब, दिल्ली में हवाई व रेल सेवाएं लगातार प्रभावित हो रही हैं। उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में कड़ाके की ठंड के चलते न्यूनतम तापमान शून्य से दस डिग्री सेल्सियस तक नीचे आ गया है। इसका असर धाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों पर भी पड़ा है और वहां काम कर रहे 700 श्रमिक वापस लौट आए हैं। अब वहां महज 380 श्रमिक ही रह गए हैं, जो हाड़ कंपा देने वाली ठंड में प्रतिदिन महज साढ़े चार घंटे ही कार्य कर पा रहे हैं।
निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता प्रवीन कर्णवाल ने बताया कि अत्याधिक ठंड के चलते सुबह साढ़े दस बजे से पहले और दोपहर दो ढाई बजे के बाद कार्य करना मुश्किल हो रहा है। यही वजह है कि 700 श्रमिकों को तय तारीख से पहले ही वापस लौटना पड़ा है। 31 दिसंबर तक कार्य जारी रखने का लक्ष्य निर्धारित था। जैसे हालात हैं, उनमें लगता नहीं कि शेष श्रमिक भी तय समय तक कार्य जारी रख पाएंगे।
कश्मीर का पारा जमाव बिंदु से और नीचे गया
कश्मीर का पहलगाम न्यूनतम तापमान माइनस 6.8 डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे ठंडा क्षेत्र रहा। वहीं, श्रीनगर में न्यूनतम तापमान माइनस 5.5 डिग्री सेल्सियस के साथ मौजूदा सर्दी की सबसे ठंडी रात गुजारी। प्रसिद्ध डल झील समेत व वादी के अन्य जलस्त्रोत आंशिक तौर पर जम गए हैं। जम्मू संभाग के मैदानी क्षेत्रों में सुबह और शाम को कोहरा छाया रहा, लेकिन विमानों की आवाजाही पर कोई असर नहीं पड़ा। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग दोनों ओर से खुला है। कटड़ा में माता वैष्णो देवी की यात्रा के लिए हेलीकाप्टर सेवा भी जारी रही।
शुक्रवार को भी शुष्क मौसम के बीच तापमान में गिरावट के आसार हैं। शुक्रवार को श्रीनगर में अधिकतम तापमान 11.5 डिग्री सेल्सियस रहा। जम्मू में अधिकतम तापमान 17.1 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 7.5 डिग्री सेल्सियस रहा। बता दें कि सर्दी के मौसम में कश्मीर में सबसे ठंडे 40 दिनों को चिल्लेकलां कहा जाता है। यह 21 दिसंबर से शुरू होता है और 30 जनवरी तक चलता है। इसके बाद के कुछ कम ठंडे 20 दिनों को चिल्ले खुर्द कहा जाता है। हिमाचल प्रदेश में धूप खिलने के बावजूद तापमान में गिरावट आ रही है।
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