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Chandrayaan 3 की सफलता पर भारत की मुरीद हुई दुनिया, एस जयशंकर बोले- आज पूरा विश्व कर रहा देश की तारीफ

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ब चंद्रयान-3 चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरा तब मैं ब्रिक्स बैठक में प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) के साथ था। ब्रिक्स ब्राजील रूस भारत चीन और दक्षिण अफ्रीका का संगठन है। उन्होंने कहा कि मैं आपको नहीं बता सकता कि इसका कितना प्रभाव पड़ा। वहां अफ्रीकी देशों नेता भी थे। दुनिया के एक बड़े हिस्से में इस बात की प्रशंसा थी

By Jagran News Edited By: Prince SharmaUpdated: Sat, 23 Dec 2023 05:39 AM (IST)
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भारत की रणनीति अवसरों को अधिकतम करने और जोखिमों को कम से कम करने की है: जयशंकर

पीटीआई, चेन्नई। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भारत के महत्वाकांक्षी चंद्रयान-3 मिशन की सफल साफ्ट लैंडिंग की दुनिया के एक बड़े हिस्से ने प्रशंसा की। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा, भारत की रणनीति अवसरों को अधिकतम करने और जोखिमों को कम से कम करने की है क्योंकि प्रौद्योगिकी में तेजी से विकास की अपार संभावनाएं हैं।

वैज्ञानिकों का था दूसरा प्रयास

उन्होंने कहा, जब चंद्रयान-3 चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरा, तब मैं ब्रिक्स बैठक में प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) के साथ था। ब्रिक्स ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का संगठन है। उन्होंने कहा कि मैं आपको नहीं बता सकता कि इसका कितना प्रभाव पड़ा। वहां अफ्रीकी देशों नेता भी थे। दुनिया के एक बड़े हिस्से में इस बात की प्रशंसा थी कि आपने कर दिखाया। चंद्रयान-3 चंद्रमा पर भारत का तीसरा मिशन था, और चंद्रमा की सतह पर साफ्ट-लैंडिंग करने का दूसरा प्रयास था।

अज्ञात दक्षिणी ध्रुप को छूने वाला पहला देश भारत

रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत चंद्रमा पर साफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा और इसके अज्ञात दक्षिणी ध्रुव को छूने वाला पहला देश बन गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) विक्रम लैंडर को चंद्रमा की सतह पर पहुंचाने और रोबोटिक रोवर, प्रज्ञान को बाहर निकालने में कामयाब रहा।जयशंकर भारतीय उद्योग परिसंघ की युवा शाखा यंग इंडियंस द्वारा आयोजित 20वें राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन 'टेक प्राइड 2023'' में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जब लोग भारत के बारे में सोचते हैं तो तीन टी, प्रतिभा, प्रौद्योगिकी और परंपरा - दिमाग में आते हैं।

भारत में होगा निवेश

विदेश मंत्री ने एक व्यापार बैठक के लिए स्वीडन की अपनी दूसरी यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि वहां विभिन्न नार्डिक देशों के सदस्य थे और चर्चा हुई थी दूरसंचार पर। आप जानते हैं, नार्डिक देशों से दूरसंचार के बारे में बात करना भारत से क्रिकेट के बारे में बात करने जैसा है। लेकिन विषय का फोकस भारत का 5 जी नेटवर्क और उसका रोलआउट था, जो आज इतनी आश्चर्यजनक गति से हो रहा है। उन्होंने कहा कि कई फाच्र्यून 500 कंपनियां देश में उपलब्ध प्रतिभाओं के कारण भारत में अपने निवेश को दोगुना या तिगुना कर रही हैं।