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'कनाडा के आरोप निराधार, हत्या हमारी नीति नहीं', विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जस्टिन ट्रूडो से मांगे सबूत

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा की ओर से लगाए गए आरोप निराधार हैं। हत्या करना हमारी नीति कतई नहीं है। हम कनाडा से सुबूत मिलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। कुछ सुबूत दिए जाएंगे तो हम उन पर गौर करेंगे। जयशंकर ने प्रतिष्ठित हडसन इंस्टीट्यूट थिंक टैंक के साथ चर्चा के दौरान शुक्रवार को यह बातें कहीं।

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Fri, 29 Sep 2023 11:00 PM (IST)
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जयशंकर ने कनाडा के आरोपों को बताया निराधार। (फोटो- एएनआई)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा की ओर से लगाए गए आरोप निराधार हैं। हत्या करना हमारी नीति कतई नहीं है।

जयशंकर ने कनाडाई पीएम से मांगे सबूत

उन्होंने कहा कि हम कनाडा से सुबूत मिलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। कुछ सुबूत दिए जाएंगे तो हम उन पर गौर करेंगे। हकीकत ये है कि अपनी सियासी मजबूरी में कनाडा सरकार आतंकियों को शरण दे रही है। जयशंकर ने प्रतिष्ठित हडसन इंस्टीट्यूट थिंक टैंक के साथ चर्चा के दौरान शुक्रवार को यह बातें कहीं।

वैसे जयशंकर व अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के बीच गुरुवार को बैठक हुई थी और उसके बाद दोनों पक्षों की ओर से संयुक्त बयान जारी किया गया था और उसमें निज्जर की हत्या का कोई उल्लेख नहीं था। हालांकि कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने पूर्व में कहा था कि उन्हें यकीन हैं कि ब्लिकंन जयशंकर के सामने निज्जर का मामला उठाएंगे।

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थिंक टैंक के कार्यक्रम में जयशंकर ने कहा

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से वीरवार को हुई बैठक के दौरान कनाडाई आरोपों का मुद्दा उठा था। मैंने इसे उठाया। अमेरिकी पक्ष ने इस पूरी स्थिति पर अपना आकलन साझा किया और हमने उन्हें भारत की चिंताओं से अवगत कराया और वास्तुस्थिति समझाई।

ट्रूडो के आरोप में कोई दम नहींः जयशंकर 

उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि हम दोनों ने बेहतर तरीके से एक-दूसरे से जानकारी साझा की। विदेश मंत्री ने कहा कि कनाडाई प्रधानमंत्री ने पहले निजी तौर पर और फिर सार्वजनिक रूप से आरोप लगाए। इनमें कोई दम नहीं है। अगर उनके पास भारत की संलिप्तता के सुबूत हैं तो पेश करें।

उन्होंने कहा कि भारत के लिए कनाडा एक ऐसा देश बन गया है जहां भारत में संगठित तरीके से अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है। कनाडा अलगाववादियों और गैंगस्टरों की पनाहगाह बन गया है। उन्हें सियासी छत्रछाया में सुरक्षित माहौल मुहैया कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ हमारे राजनयिकों को सार्वजनिक तौर पर धमकाया जा रहा है। हमारे राजनयिक वहां कार्यालय जाने में खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

द्विपक्षीय मुद्दों पर ही केंद्रित रही जयशंकर-ब्लिंकन वार्ता

वाशिंगटन में विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता के केंद्र में द्विपक्षीय मुद्दे ही रहे। जयशंकर और ब्लिंकन के बीच भारत और अमेरिका की आगामी टू पल्स टू वार्ता को लेकर भी चर्चा हुई। इस वार्ता में में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के साथ ही रक्षा मंत्री भी उपस्थित होते हैं।

भारत आने वाले हैं अमेरिकी रक्षा मंत्री

अगले कुछ हफ्तों के भीतर ही होने वाली इस बैठक के लिए ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लायड आस्टिन भारत आने वाले हैं। बैठक के बाद जयशंकर ने बताया, हमारे बीच काफी व्यापक तौर पर बातचीत हुई है। जून, 2023 में पीएम नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान लिए गए फैसलों की समीक्षा भी की गई है। वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान हुआ है।

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क्या बोले अमेरिकी विदेश मंत्रालय?

अमेरिकी विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि हाल ही में संपन्न जी-20 बैठक के अलावा भारत-मध्य एशिया-यूरोपीय कारिडोर बनाने के अलावा रक्षा, अंतरिक्ष व स्वच्छ ऊर्जा को लेकर भी दोनों पक्षों में बातचीत हुई है। विदेश मंत्री जयशंकर पांच दिवसीय अमेरिकी यात्रा पर हैं।

गुरुवार को उनकी विदेश मंत्री ब्लिंकन के अलावा एनएसए जेक सुलीवान और व्यापार मंत्री क्रिस्टीना ताई के साथ भी द्विपक्षीय बैठकें हुईं। विदेश मंत्री ने अमेरिकी उद्योगपतियों के एक दल से भी अलग से मुलाकात की जिसमें सप्लाई चेन को लेकर काफी विमर्श हुआ है।