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विदेश मंत्री एस जयशंकर की जापानी समकक्ष के साथ द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर वार्ता, कई मुद्दों पर हुई चर्चा

भारत-जापान रणनीतिक सबंध मजबूत करने और उसकी समीक्षा के लिए दो दिवसीय यात्रा पर जापान के विदेश मंत्री योशिमासा के नई दिल्ली पहुंचने के एक घंटे बाद दोनों नेताओं के बीच वार्ता हुई। बीते पांच महीने में जापान के विदेश मंत्री योशिमासा दूसरी बार भारत पहुंचे हैं। माना जाता है कि दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति पर भी विचार-विमर्श किया है।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Thu, 27 Jul 2023 10:42 PM (IST)
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विदेश मंत्री एस. जयशंकर और जापाने के विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी की फाइल फोटो।(फोटो सोर्स: जागरण)
नई दिल्ली, पीटीआई। भारत और जापान ने गुरुवार को रक्षा उपकरणों व प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में विस्तार करने के तरीकों के अलावा सेमीकंडक्टर जैसी महत्वपूर्ण व उभरती हुई प्रौद्योगिकियों में संभावित सहयोग की संभावनाओं को तलाशा। विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके जापानी समकक्ष योशिमासा हयाशी ने व्यापक वार्ता में स्वतंत्र, खुले एवं समृद्ध हिंद-प्रशांत को सुनिश्चित करने के लिए भारत और जापान के बीच मजबूत एवं टिकाऊ साझीदारी की अहम भूमिका पर जोर दिया।

दो दिवसीय भारत दौरे पर पहुंचे विदेश मंत्री

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, दोनों पक्षों ने 2022-27 की अवधि में भारत में पांच लाख करोड़ येन के जापानी निवेश के लक्ष्य को हासिल करने के महत्व को भी रेखांकित किया। यह वार्ता जापानी विदेश मंत्री के दो दिवसीय भारत यात्रा पर पहुंचने के कुछ घंटों के बाद हुई। उनकी इस यात्रा का मकसद भारत-जापान रणनीतिक संबंधों की समीक्षा करना और उन्हें सशक्त बनाना है।

दोनों नेताओं के बीच हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति पर हुई बात 

जयशंकर ने एक ट्वीट में 15वीं भारत-जापान रणनीतिक वार्ता को गर्मजोशी भरी और व्यापक करार दिया। उन्होंने कहा, 'हमारी वार्ता में राजनीतिक, रक्षा एवं सुरक्षा, आर्थिक एवं वाणिज्यिक, कनेक्टिविटी और दोनों देशों के बीच संपर्क के मुद्दे शामिल थे। हमारा जुड़ाव पूर्वी एशिया व आसियान से लेकर दक्षिण एशिया व पूर्वी अफ्रीका तक कई गतिविधियों और प्रतिबद्धताओं में दिखाई देता है।'

जयशंकर ने आगे कहा कि आतंकवाद से लड़ाई और अप्रसार पर भी विचारों का आदान प्रदान किया गया। साथ ही हिंद प्रशांत, जी-20 और जी-7 पर भी दृष्टिकोण साझा किए। विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जल्द से जल्द सुधार की जरूरत पर सहमति व्यक्त की।

उल्लेखनीय है कि बीते पांच माह में जापान के विदेश मंत्री की यह दूसरी भारत यात्रा है। मई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा के बीच हिरोशिमा में जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर वार्ता हुई थी।