Move to Jagran APP

'LAC पर टकराव की स्थिति में उचित तरीके से निपटा जाता है', चरवाहों-चीनी सैनिकों के विरोध पर विदेश मंत्रालय का जवाब

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट भारतीय चरवाहों व चीनी सैनिकों के बीच टकराव की स्थिति पैदा होने पर गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों में पारंपरिक चरागाह क्षेत्रों से अवगत हैं और टकराव की स्थिति में मौजूदा तंत्र के तहत निपटा जाता है। यह जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने पत्रकार वार्ता में पूछे गए सवाल में दी।

By Jagran News Edited By: Devshanker Chovdhary Updated: Fri, 02 Feb 2024 03:00 AM (IST)
Hero Image
एलएसी पर चरवाहों-चीनी सैनिकों के टकराव पर विदेश मंत्रालय का बयान आया है। (फाइल फोटो)
पीटीआई, नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट भारतीय चरवाहों व चीनी सैनिकों के बीच टकराव की स्थिति पैदा होने पर गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों में पारंपरिक चरागाह क्षेत्रों से अवगत हैं और टकराव की स्थिति में मौजूदा तंत्र के तहत निपटा जाता है। यह जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने पत्रकार वार्ता में पूछे गए सवाल में दी।

गत माह पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों ने भारतीय चरवाहों को रोक दिया था। घटना का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुआ था।

इस दौरान हाल ही में काबुल में तालिबान द्वारा आयोजित क्षेत्रीय सम्मेलन में भागीदारी के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसे भारत की अफगान लोगों के साथ लंबे समय से चली आ रही दोस्ती के संदर्भ में देखा जाना चाहिए। हम अफगानिस्तान में क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न प्रारूपों में कई बैठकों में भाग लेते रहे हैं।

म्यांमार में शांति चाहता है भारत

इस दौरान उन्होंने मालदीव की आंतरिक राजनीतिक स्थिति पर प्रतिक्रिया देने से इन्कार कर दिया। वर्तमान में द्वीप राष्ट्र राजनीतिक उथल-पुथल से जूझ रहा है। म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के तीन साल पूरे होने के सवाल पर उन्होंने कहा एक पड़ोसी देश और म्यांमार के मित्र के रूप में भारत लंबे समय से हिंसा की पूर्ण समाप्ति और समावेशी संघीय लोकतंत्र की ओर म्यांमार के परिवर्तन की वकालत करता रहा है। भारत, म्यांमार में शांति और स्थिरता की वापसी चाहता है।

फलस्तीन की मदद करना जारी रखेगा भारत

गत सात अक्टूबर को हमास के हमले में संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) के कर्मचारियों के शामिल होने के इजरायल के आरोप के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने गुरुवार को कहा कि भारत फलस्तीन की द्विपक्षीय और संयुक्त राष्ट्र दोनों माध्यमों से मदद जारी रखेगा। हालांकि इस दौरान उन्होंने कहा कि आतंकवाद के प्रति देश की जीरो टोलरेंस की नीति है।