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असम की महिला को 9 साल बाद क्यों मिला मतदान का अधिकार? भाई ने की थी आत्महत्या

असम के सिलचर में एक महिला को नौ साल बाद फिर से मतदान का अधिकार मिल गया है। साल Assam Woman Voting Right 2012 में संदिग्ध अवैध अप्रवासी होने के लिए विदेशी न्यायाधिकरण ने नोटिस जारी किया था जिसके बाद उनका नाम मतदान सूची से हटा लिया गया था। उन्होंने कहा कि मुझे इसके लिए लंबा इंतजार करना पड़ा।

By Jagran News Edited By: Sonu Gupta Updated: Fri, 02 Aug 2024 07:20 PM (IST)
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असम की एक महिला को नौ साल बाद मिला मतदान का अधिकार। फाइल फोटो।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। असम के सिलचर में एक महिला को साल 2012 में संदिग्ध अवैध अप्रवासी होने के लिए विदेशी न्यायाधिकरण ने नोटिस जारी किया था।  60 वर्षीय अंजलि रॉय और उनके भाई को यह नोटिस पुलिस सत्यापन के लिए वैध दस्तावेज नहीं देने के बाद जारी किया था। हालांकि, महिला ने साल 2015 में अपनी भारतीय पहचान साबित करने के लिए तीन साल तक कानूनी लड़ाई लड़ी।

नौ साल करना पड़ा लंबा इंतजार

वहीं, अब महिला को नौ साल के बाद एक बार फिर से मतदान का अधिकार मिल गया है। मतदान का अधिकार वापस पाने के लिए उसे नौ साल का लंबा इंतजार करना पड़ा है। साल 2012 में ट्रिब्यूनल द्वारा जारी नोटिस के बाद इसको मतदाता सूची से हटा दिया गया था। उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट में नाम शामिल करने के लिए मैंने अधिकारियों से अपील की, लेकिन उन्होंने मुझे काफी लंबा इंतजार करवाया।  

आत्महत्या का आया था ख्याल

उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट से नाम हटाने के बाद मैं सभी सरकारी सुविधाओं से वंचित हो गई। इस दौरान मुझे खाद्य सुरक्षा का लाभ भी नहीं मिल पाया। आधार कार्ड नहीं होने से मेरा बैंक खाता भी नहीं खुला।

महिला ने आगे कहा कि मतदाता सूची से नाम हटने के बाद मेरे भाई ने इस अपमान को बर्दास्त नहीं कर पाया और आत्महत्या कर ली। उन्होंने आगे कहा कि मैं भी आत्महत्या के करीब थी, लेकिन बच्चों को देख कर मैंने ऐसा कदम नहीं उठाया।

वोटर लिस्ट में फिर से जुड़ा नाम 

उन्होंने कहा कि मैंने लंबे समय के संघर्षों के बाद नागरिकता साबित किया और नौटिस के नौ साल के बाद अब अधिकारियों ने उनके नाम को एक मतदाता के रूप में वोटर लिस्ट में शामिल कर लिया है।  

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