Forest Amendment Bill: सीमा से लगी भूमि को वन संरक्षण कानून से छूट का विधेयक संसद से पारित, होंगे ये बदलाव
देश की सीमाओं से 100 किलोमीटर तक की भूमि को वन संरक्षण कानूनों से छूट देने और वन क्षेत्रों में जू सफारी और ईको-टूरिज्म सुविधाओं की स्थापना को अनुमति देने वाला विधेयक बुधवार को राज्यसभा से पारित हो गया। लोकसभा इस विधेयक को 26 जुलाई को पारित कर चुकी है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि विधेयक में कुछ प्रकार की जमीनों को छूट प्रदान की गई है।
By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Wed, 02 Aug 2023 08:36 PM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआई। देश की सीमाओं से 100 किलोमीटर तक की भूमि को वन संरक्षण कानूनों से छूट देने और वन क्षेत्रों में जू, सफारी और ईको-टूरिज्म सुविधाओं की स्थापना को अनुमति देने वाला विधेयक बुधवार को राज्यसभा से पारित हो गया। लोकसभा इस विधेयक को 26 जुलाई को पारित कर चुकी है।
वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2023 को राज्यसभा ने संक्षिप्त चर्चा के बाद पारित कर दिया क्योंकि मणिपुर में हिंसा के मुद्दे पर विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन किया था।
क्या बोले केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव
इसके अलावा छूट वाली वन भूमि में अंतरराष्ट्रीय सीमाओं, नियंत्रण रेखा और वास्तविक नियंत्रण रेखा से 100 किलोमीटर तक की भूमि भी शामिल है और जिनका उपयोग राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए रणनीतिक परियोजनाओं के निर्माण के लिए प्रस्तावित है।चर्चा के दौरान केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि विधेयक में कुछ प्रकार की जमीनों को छूट प्रदान की गई है, जैसे रेल लाइन के किनारे या सरकार द्वारा रखरखाव वाली व आबादी तक पहुंच उपलब्ध कराने वाली सड़कों के किनारे की वन भूमि अथवा रेल लाइन एवं सड़क किनारे सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए अधिकतम 0.10 हेक्टेयर तक जमीनें।
निजी क्षेत्र को छह परमाणु खनिजों के खनन की मिल सकेगी अनुमति
निजी क्षेत्र को लीथियम समेत 12 में से छह परमाणु खनिजों और सोना-चांदी जैसे गहराई में मिलने वाले खनिजों के खनन की अनुमति देने वाले विधेयक को राज्यसभा ने बुधवार को ध्वनिमत पारित कर दिया। लोकसभा इसे पिछले महीने पारित कर चुकी है।
प्रल्हाद जोशी ने पेश किया था खान एवं खनिज विधेयक, 2023
केंद्रीय कोयला एवं खनन मंत्री प्रल्हाद जोशी ने लंच के बाद खान एवं खनिज (विकास एवं नियमन) संशोधन विधेयक, 2023 को पेश किया था। अभी तक सभी 12 परमाणु खनिजों का खनन सरकारी कंपनियों के लिए आरक्षित था। जिन छह परमाणु खनिजों के खनन की अनुमति निजी क्षेत्र को मिलेगी उनमें लीथियम, बेरिलियम, नाइओबियम, टाइटेनियम, टैंटलम और जिरकोनियम शामिल हैं।लीथियम का इस्तेमाल बैटरियां बनाने में किया जाता है। गहराई में मिलने वाले खनिजों में सोना-चांदी व हीरे के अलावा कॉपर, जिंक, लेड, निकिल, कोबाल्ट और प्लेटिनम शामिल हैं।