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Forest Fire: हिमाचल और उत्तराखंड में फिर बढ़ने लगी जंगल में आग की घटनाएं, अग्निशमन कर्मियों की छुट्टियां रद; अब तक करोड़ों रुपये का हुआ नुकसान

पिछले पांच दिन में 422 आग की घटनाएं हो चुकी हैं। इसमें 20 मामले घरों की आग जबकि शेष वन की आग के हैं। इससे करीब 1.70करोड़ रुपये की क्षति हो चुकी है। वहींउत्तराखंड में पिछले 24घंटे के भीतर जंगल की आग की छह घटनाएं सामने आई हैं। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। आने वाले दिनों में गर्मी तेज होने से आग की घटनाएं बढ़ने की आशंका है।

By Jagran News Edited By: Babli Kumari Updated: Sun, 19 May 2024 10:55 PM (IST)
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हिमाचल और उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग बढ़ रही है (फाइल फोटो)

जागरण टीम, नई दिल्ली। मौसम की तपिश बढ़ने के साथ हिमाचल और उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की घटनाएं भी बढ़ने लगी हैं। हिमाचल में अधिकतर घटनाएं चीड़ के जंगलों में सामने आई हैं। आग लगने के कारणों का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है, लेकिन माना जा रहा है कि लोग जंगलों में सफाई के दौरान घास के लिए झाडि़यों को जलाते हैं, इस वजह से जंगलों में आग फैली है।

पिछले पांच दिन में 422 आग की घटनाएं हो चुकी हैं। इसमें 20 मामले घरों की आग, जबकि शेष वन की आग के हैं। इससे करीब 1.70 करोड़ रुपये की क्षति हो चुकी है। वहीं, उत्तराखंड में पिछले 24 घंटे के भीतर जंगल की आग की छह घटनाएं सामने आई हैं। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। आने वाले दिनों में गर्मी तेज होने से आग की घटनाएं बढ़ने की आशंका है। वन की आग की चपेट में घर व पशुशालाएं भी आ रही हैं।

अग्निशमन कर्मियों की छुट्टियों को किया गया रद 

इसके अतिरिक्त वन्य जीव भी जल कर मर रहे हैं। हिमाचल में अग्निशमन कर्मियों की छुट्टियों को रद किया गया है। हिमाचल में रविवार को ऊना जिले के अंब उपमंडल के ठठल, अंब बेला, कलरूही, बणे दी हट्टी, भद्रकाली व पाबड़ा थप्पलां में हुई आग की घटनाओं में वन संपदा का नुकसान हुआ है। कुटलैहड़ क्षेत्र में रविवार शाम करीब चार बजे मलांगड़ पंचायत के अमरेहड़ा गांव में मधुमक्खी पालक द्वारा रखे गए 50 डब्बे आग की भेंट चढ़ गए। इस घटना में मधुमक्खी पालक दुनी चंद को डेढ़ से दो लाख रुपये तक का नुकसान हुआ है।

उधर, चिंतपूर्णी क्षेत्र के जंगलों में एक सप्ताह से आग की घटनाएं हो रही हैं। शनिवार रात को सिरमौर जिले के जंगलों में अचानक भड़की आग से भी काफी नुकसान हुआ है।

आग बुझाने में आ रही समस्या 

वनों की आग को बुझाने में सबसे बड़ी समस्या सड़क न होना है। इससे वहां तक अग्निशमन विभाग का वाहन नहीं पहुंच पाता। इसके अतिरिक्त कई जगह आग की घटनाएं होने से सभी जगह पहुंच पाना भी संभव नहीं हो पाता। वन विभाग ने वन रक्षक व राखे भी तैनात किए हैं। इसके साथ ही आग बुझाने के लिए ग्रामीण स्तर पर कमेटियां भी हैं, लेकिन उनके प्रयास भी कम पड़ रहे।

उत्तराखंड में 24 घंटे के भीतर जंगल की आग की छह घटनाएं 

उत्तराखंड में भीषण गर्मी के बीच जंगलों में आग लगने का सिलसिला जारी है। रविवार को 24 घंटे के भीतर छह नई घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें साढ़े चार हेक्टेयर वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है। फायर सीजन में अब तक कुल 1098 घटनाओं में 1484 हेक्टेयर वन क्षेत्र जल चुका है। प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम शुष्क होने के कारण जंगलों में आग का खतरा बना हुआ है।

वन विभाग का दावा है कि ज्यादातर क्षेत्रों में आग पर काबू पा लिया गया है। साथ ही जंगलों में आग लगाने वालों के विरुद्ध भी कार्रवाई जारी है। अब तक इस सीजन में जंगल में आग लगाने पर वन संरक्षण अधिनियम और वन अपराध के तहत 422 मुकदमे दर्ज कराए जा चुके हैं। वहीं, वन विभाग की ओर से मुख्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है।

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