Move to Jagran APP

देश में पहली बार हृदय प्रत्यारोपण करने वाले डॉ. वेणुगोपाल का निधन, 82 वर्ष की अवस्था में ली अंतिम सांस

नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के पूर्व निदेशक डॉ. पी. वेणुगोपाल का 82 वर्ष की आयु में निधन हो गया। डॉ. वेणुगोपाल ने नई दिल्ली एम्स में देश का पहला हृदय प्रत्यारोपण किया था। वह अपने जीवन काल में 50000 से अधिक ओपन हार्ट सर्जरी कर चुके थे। बुधवार दोपहर को लोधी रोड स्थित श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Wed, 09 Oct 2024 02:04 AM (IST)
Hero Image
पद्म भूषण डॉ. पी. वेणुगोपाल की फाइल फोटो। (फोटो- एएनआई)

राज्य ब्यूरो, जागरण, नई दिल्ली। देश में पहला हृदय प्रत्यारोपण कर हार्ट फेल्योर के मरीजों को नई जिंदगी देने वाले जाने-माने कार्डियक सर्जन एम्स के पूर्व निदेशक पद्म भूषण डॉ. पी. वेणुगोपाल का 82 वर्ष की अवस्था में मंगलवार देर शाम फरीदाबाद में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे।

यह भी पढ़ें: यूपी में दीपावली से पहले मिलेगा बोनस, सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी!

एम्स से की थी पढ़ाई

मूलरूप से आंध्र प्रदेश के रहने वाले डॉ. वेणुगोपाल ने 17 वर्ष की अवस्था में 1959 में एम्स में एमबीबीएस में दाखिला लिया था। इसके बाद मास्टर ऑफ सर्जरी (एमएस) और कार्डियक सर्जरी में सुपर स्पेशियलिटी की पढ़ाई भी उन्होंने एम्स से ही पूरी की। वर्ष 1970-71 में एम्स में बतौर फैकल्टी ज्वाइन किया। उनके नाम कई उपलब्धियां हैं।

संसद में हुई थी प्रशंसा

एम्स के कार्डियक सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. एके बिसोई ने कहा कि तीन अगस्त 1994 को डॉ. वेणुगोपाल के नेतृत्व में एम्स में देश का पहला सफल हृदय प्रत्यारोपण किया गया। यह चिकित्सा क्षेत्र के लिए बड़ा क्षण था। आज देश में हर वर्ष 200 से अधिक मरीजों की हृदय प्रत्यारोपण सर्जरी होती है। एम्स के डॉक्टर बताते हैं कि देश में पहले हृदय प्रत्यारोपण के बाद संसद में सांसदों ने खड़े होकर उनकी प्रशंसा की थी।

50 हजार ओपन हार्ट सर्जरी की

वेणुगोपाल ने कुल 26 मरीजों का हृदय प्रत्यारोपण किया था। देश में पहला लेफ्ट वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस भी उन्होंने ही प्रत्यारोपित किया था और 50 हजार ओपन हार्ट सर्जरी की। चिकित्सा क्षेत्र में उनके कार्यों को देखते हुए वर्ष 1998 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।

यह भी पढ़ें: 'झूठ और धोखे के दम पर नहीं चलती कूटनीति', भारत के प्रति बदला रुख तो अपने ही देश में घिरे मुइज्जू